लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी द्वारा गठबंधन की सीटों के एकतरफा एलान से इंडिया गठबंधन में दरार पड़ती दिखाई दे रही हैं। सपा ने बिना बातचीत के जब से कांग्रेस को 11 सीटें देने का एलान किया है और अपने 16 प्रत्याशी की सूची भी जारी कर दी है, तबसे कांग्रेस पार्टी इस बात को ना निगल पा रही है और न ही उगल पर रही है। कांग्रेस इसे लेकर गंभीर दिख रही है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और प्रभारी अविनाश पांडे ने प्रदेश कार्यालय में बैठक ली और कार्यकर्ताओं का सपा के दबाव में ना आने की नसीहत दी।
अविनाश पांडे के उत्तर प्रदेश दौरे के दौरान उन्होंने प्रदेश कार्यालय पर कांग्रेस के नेताओं से सामजवादी पार्टी से गठबंधन के विषय में बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने कांग्रेस नेताओं की राय जानी। अविनाश पांडे ने कांग्रेस की तरफ से सभी सीटों के लिए बनाए गए समन्वयकों से संभावित उम्मीदवारों के नाम भी मांगे। इस क्रिया के बाद कांग्रेस पार्टी के पूरे प्रदेश में अकेले लड़ने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। अविनाश पांडे ने कार्यकर्ताओं के बीच कहा की समाजवादी पार्टी ने गठबंधन धर्म नहीं निभाया। सपा ने 16 सीटों पर लोकसभा उम्मीदवार उतार कर गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है फिर भी हम सभी बातों पर चर्चा करने और सकारात्मक भाव से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि सपा के साथ सारी चीज आने वाले समय में ठीक होगी। कांग्रेस की बैठक में कहा गया कि समाजवादी पार्टी ने 16 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार कर अच्छा संकेत नहीं दिया है। अगर बीजेपी को हराना है तो सभी दलों को एक होना होगा चाहे वह सीटों की बात हो या किसी रणनीति की बात हो। कोई भी फैसला एकतरफा नहीं होता है।
दरअसल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक्स पर पोस्ट शेयर कर कांग्रेस के साथ गठबंधन का एलान कर दिया था, इसके साथ ही ये बताया कि कांग्रेस यूपी में 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सपा ने न सिर्फ़ कांग्रेस की सीटों का एलान किया बल्कि दूसरे दलों से आगे जाते हुए 16 उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है। जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इस फ़ैसले से असहमति जताई और कहा कि सपा के साथ शीर्षस्थ नेतृत्व की बातचीत चल रही है।
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