कौन संभालेगा शफीकुर्रहमान बर्क की सियासी विरासत...तीन नामों पर चर्चा हुई तेज!


संभल। डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क की मौत के बाद अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा इस बात को लेकर है कि संभल लोकसभा सीट पर उनकी सियासी विरासत कौन संभालेगा। इसको लेकर कई नाम वर्करों की जुबान पर हैं। पहला नाम बर्क के विधायक पोते जियाउर्रहमान बर्क का है। दूसरा संभल सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद का और तीसरा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव का। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान जल्द ही इस सीट से अपना नया दमदार कैंडिडेट घोषित करेगी। संभावित दावेदारों ने बर्क के सुपुर्द-ए-खाक होते ही अपनी दावेदारी भी शुरू कर दी है।
सियासी तस्वीर पर गौर करें तो डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क को संभल लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने अपनी पहली ही लिस्ट में कैंडिडेट घोषित कर दिया था। वह मौजूदा सांसद भी थे। वह पांच बार सांसद और चार बार विधायक रह चुके थे। कैंडिडेट घोषित होने के बाद तीन फरवरी को बर्क की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। जिसके चलते मंगलवार को उनका निधन हो गया था। बुधवार को उनको सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। सुपुर्द-ए-खाक होने के साथ ही सवाल उठने लगा है कि संभल लोकसभा क्षेत्र से सपा का नया कैंडिडेट किसे घोषित किया जाएगा। उनकी सियासी विरासत इस सीट पर कौन संभालेगा।
वैसे सियासी जानकारों का मानना है कि डॉ. बर्क की सियासी विरासत संभालने के सबसे बड़े दावेदार उनके पोते और कुंदरकी से पहली बार विधायक चुने गए जियाउर्रहमान बर्क हैं। जियाउर्रहमान ही बर्क के साथ लंबे वक्त से साए की तरह रहते थे। 2022 में जब बर्क ने पोते को टिकट दिलाया और जिताया था, तभी से कहा जाने लगा था कि दादा अपने पोते को सियासी उत्तराधिकारी बनाने की तैयारी में है।

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