UP में बायोलॉजी टीचर्स के चयन की योग्यता में बड़ा बदलाव...102 साल बाद बदले नियम को जान लीजिए!


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में बायोलॉजी शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। शैक्षणिक योग्यता में बदलाव की सूचना जारी कर दी गई है। प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में ट्रेंड स्नातक विज्ञान और जीव विज्ञान विषय के चयन की शैक्षणिक योग्यता में संशोधन कर दिया गया है। टीजीटी जीवविज्ञान के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कम से कम 45 फीसदी अंकों के साथ जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और रसायन शास्त्र के साथ स्नातक या पीजी और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त संस्था से बीएड, बीएएड, बीएससीएड या एमएड पास होना अनिवार्य है।

यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला की ओर से इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में संशोधन का आदेश जारी किया गया है। अब टीजीटी विज्ञान में मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से न्यूनतम 45 फीसदी अंकों के साथ फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित के साथ स्नातक या पीजी और बीएड, बीएएड, बीएससीएड या एमएड होना अनिवार्य है। संशोधन के बाद टीजीटी बायोलॉजी में रसायन विज्ञान को शामिल कर लिया गया है। पहले टीजीटी बायोलॉजी के लिए केवल वही अभ्यर्थी आवेदन कर सकते थे, जिन्होंने जूलॉजी या बॉटनी से स्नातक किया हो। इस प्रकार टीजीटी विज्ञान के एजुकेशनल क्वालिफिकेशन में भी बदलाव किया गया है। अब गणित से स्नातक भी आवेदन कर सकेंगे।

यूपी बोर्ड ने टीजीटी बायोलॉजी की नियुक्ति के लिए एजुकेशनल क्वालिफिकेशन में संशोधन तो कर दिया है, लेकिन यहां स्थिति अलग है। प्रदेश के हाईस्कूलों में जीवविज्ञान विषय पढ़ाया ही नहीं जाता है। यूपी बोर्ड में वर्ष 2000 से पहले ही हाईस्कूल स्तर पर जीव विज्ञान को समाप्त कर दिया था। इसके चलते उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने 12 जुलाई 2018 को टीजीटीजी विज्ञान भर्ती 2016 की प्रक्रिया रद कर दी थी। तत्कालीन बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने इसके लिए एजुकेशनल क्वालिफिकेशन में बदलाव का प्रस्ताव भी भेजा था। हालांकि, तब सरकार के स्तर पर इसमें बदलाव नहीं किया गया। बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड को टीजीटी जीवविज्ञान की परीक्षा करानी पड़ी थी।

Post a Comment

0 Comments