बचपन में खोए भाई-बहन अनाथालय में रहकर पढ़े... पाई जॉब; माता-पिता को ढूंढकर की वीडियो कॉल तो छलकी आंखें!



आगरा। ताजनगरी आगरा के जगदीशपुरा थाने के पास रहने वाले भाई-बहन 13 साल पहले परिवार से बिछड़ गए थे। दोनों मेरठ में ट्रेन में मिलने के बाद अनाथालय में रहे। पढ़ लिखकर दोनों जॉब करने लगे तो उन्होंने अपने माता-पिता की तलाश शुरू कर दी। बाल अधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने पुलिस की मदद से उनके माता-पिता को खोज निकाला। मां ने बच्चों से वीडियो कॉल से बातचीत की तो उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। बाल अधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि करीब दो माह पहले बंगलुरू का युवक और गुरुग्राम की युवती ने एक संस्था के माध्यम से उनसे मदद मांगी। बताया कि वह दोनों भाई-बहन हैं। 13 साल पहले आगरा से लापता हो गए थे। उन्हें अपने माता-पिता की जानकारी नहीं है। जब वह दोनों लापता हुए तो लड़की नौ और लड़का छह साल का था। यह दोनों बाल कल्याण समिति को 2010 में मेरठ में ट्रेन में मिले थे। पारस ने बताया कि उन्होंने गुमशुदा प्रकोष्ठ के अजय कुमार से मदद ली। उन्होंने जगदीशपुरा थाने के पास किराये पर रहने वाली महिला का नाम, पता बताया। पुलिस की मदद से उन्होंने महिला को खोज निकाला। इसके बाद उसके बेटे-बेटी से वीडियो कॉल से बात कराई तो मां फूट-फूटकर रोने लगी। मां ने बताया कि वह बच्चों की गुमशुदगी की तहरीर अपने साथ रखती थी। उसे उम्मीद थी कि एक दिन दोनों घर लौटेंगे। पारस ने बताया कि दोनों माता-पिता से मिलने आगरा आ रहे हैं।

Post a Comment

0 Comments