नई दिल्ली। चार राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना में तीन में बीजेपी और एक में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत से सरकार बनने जा रही है। मध्य प्रदेश में बीजेपी की बंपर जीत हुई है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी इस बार कमल खिल रहा है। वहीं, तेलंगाना में पिछले करीब 10 वर्षों से चली आ रही केसीआर की सरकार को झटका लगा है। तेलंगाना में कांग्रेस की जीत हुई है। इन चारों राज्यों के लिए न तो बीजेपी और न ही कांग्रेस ने अपने-अपने सीएम चेहरों की घोषणा की थी। अब सवाल है कि इनमें मुख्यमंत्री कौन बनेगा।
मध्य प्रदेश नें एक बार फिर सीएम का ताज शिवराज सिंह चौहान के सिर सज सकता है। वह राज्य में बीजेपी के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक हैं। शिवराज बुधनी विधानसभा सीट से मैदान में थे। यह निर्वाचन क्षेत्र 2006 से उनका गढ़ रहा है। शिवराज ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1990 में बुधनी से जीता था और 1991 में विदिशा से सांसद चुने जाने पर वह पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने 2006 में एक बार फिर बुधनी विधानसभा सीट पर जीत हासिल की और आज तक इस निर्वाचन क्षेत्र पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। शिवराज चौहान एमपी में सबसे लंबे समय तक सीएम पद पर रहने वाले नेता हैं। पहली बार 2005 में वह मुख्यमंत्री बने थे।
राजस्थान में बीजेपी सांसद महंत बालकनाथ भी सीएम पद की रेस में माने जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह अलवर सांसद महंत बालकनाथ भी नाथ समुदाय से आते हैं और उनके संसदीय क्षेत्र में बड़ी संख्या में उनके मानने वाले और समर्थक हैं। बीजेपी ने उन्हें तिजारा सीट से उतारा था, जहां उन्होंने चुनाव जीत लिया है. इस सीट पर उनका मुकाबला कांग्रेस के इमरान खान से था। बालकनाथ ने उन्हें 6173 मतों से हरा दिया है. बालकनाथ ने बीजेपी की 120 सीटों पर जीत होने का दावा किया था। हालांकि राज्य में बीजेपी ने 115 सीटें जीती हैं। बालकनाथ ने कहा कि लोग कांग्रेस से छुटकारा पाना चाहते थे जोकि बीजेपी की आसान जीत का कारण है। उन्होंने भ्रष्टाचार, महिलाओं पर अत्याचार और बढ़ते अपराधों के मुद्दे को लेकर राजस्थान कांग्रेस पर निशाना साधा। 40 वर्षीय बालकनाथ ने महज 6 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था। उनके परिवारवाले चाहते थे कि बालकनाथ संत बनें। बालकनाथ का कहना है कि वह हमेशा समाज की सेवा करना चाहते हैं। राजस्थान में सीएम पद के दावेदारों में बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे का नाम भी माना जा रहा है। वह अटल बिहार वाजपेयी सरकार के मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं। फिलहाल वह बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
वसुंधरा राजे ने 1984 में राजनीति में प्रवेश किया था। वह राजस्थान के धौलपुर से भी विधायक रह चुकी हैं। उन्होंने 2003, 2008, 2013 और 2018 में झालरापाटन से विधानसभा चुनाव जीता था। वहीं, 1989-91, 1991-96, 1996-98, 1998-99 और 1999-03 के बीच वह लोकसभा सदस्य भी रही हैं।2018 में उन्होंने कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह को 25000 वोटों से हराया था। इस बार उन्होंने झालरापाटन से कांग्रेस उम्मीदवार रामलाल को 53193 वोटों से हराया है।
छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रमन सिंह सीएम पद की रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं. 1966-67 में पार्टी की युवा शाखा में शामिल होने के साथ ही उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ था। 1983 में वह कवर्धा नगर पालिका के पार्षद बने थे। 1990 में वह अविभाजित मध्य प्रदेश की कवर्धा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। 1999 में वह राजनांदगांव सीट से सांसद बने। वह 1999 से 2003 के बीच केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री भी रहे। 2003 में वह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने थे। वह तीन बार छत्तीसगढ़ के सीएम बने हैं। वह 2008 से राजनांदगांव सीट से विधायक हैं। इस बार उन्होंने राजनांदगांव से कांग्रेस के गिरीश देवांगन को 45,084 मतों से हराया है।
तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है और 10 वर्षों से चली आ रही बीआरएस सरकार को हरा दिया है. पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से रेड्डी को जीत का श्रेय दिया जा रहा है और इस बीच चर्चा है कि उन्हें तेलंगाना का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। रेड्डी पहले तेलुगु देशम पार्टी से भी विधायक रहे हैं। कभी वह एबीवीपी के सदस्य भी रहे हैं। 2021 में उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला था। पार्टी को मजबूत करने के लिए उन्होंने कई निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया। यहां तक कि वह बीआरएस के कई नेताओं को कांग्रेस में शामिल कराने में भी सफल रहे। इस चुनाव में रेड्डी दो सीटों कामारेड्डी और कोडंगल से चुनावी मैदान में थे। कामारेड्डी में बीआरएस से खुद सीएम केसीआर उनके प्रतिद्वंद्वी थे लेकिन इस सीट पर बीजेपी नेता कटिपल्ली वेंकट रमण रेड्डी की जीत हुई है। हालांकि, रेवंत रेड्डी कोडंगल सीट से चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। कोडंगल में उन्होंने बीआरएस के पटनम नरेंद्र रेड्डी को 32,532 मतों से हराया है।

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