शाहजहांपुर। जिले के मीरानपुर कटरा के मोहल्ला बाजार के एक मकान में मंगलवार तड़के घुसे बदमाशों ने असिस्टेंट प्रोफेसर आलोक गुप्ता (36) की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी। विरोध पर परिवार के छह लोगों को चाकू घोंपकर घायल कर दिया। मौके से पड़ोसियों ने एक बदमाश शाहबाज को दबोचकर पुलिस के हवाले कर दिया। देर शाम न्यायालय में पेश करने के लिए ले जाते वक्त दरोगा की पिस्टल छीनकर भागे शाहबाज को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। आलोक गुप्ता शाहजहांपुर शहर के नजदीक सन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में कार्यरत थे। मंगलवार तड़के करीब तीन बजे बदमाश दीवार फांदकर घर में घुसे। आवाज सुनकर जागे आलोक को देखकर बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। चाकू के कई वार होने से वह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गए। चीख सुनकर अन्य परिजन भी वहां आ गए। बदमाशों ने आलोक की पत्नी खुशबू गुप्ता उर्फ सोनम, छोटे भाई प्रशांत गुप्ता, उनकी पत्नी रुचि गुप्ता, पिता सुधीर गुप्ता और आलोक की बेटी अंबिका (6) व बेटे (4) को भी चाकू मारकर घायल कर दिया। शोरशराबा होने पर मोहल्ले के लोग जाग गए। भागने की कोशिश कर रहे बदमाश शाहबाज को मोहल्ले के लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। जबकि बाकी साथी भाग गए। पुलिस घायलों को सीएचसी और फिर बरेली के एक प्राइवेट अस्पताल ले गई। वहां पहुंचने तक आलोक की मौत हो चुकी थी। इसकी सूचना पर कस्बे के व्यापारियों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने दुकानें बंद कर हंगामा शुरू कर दिया।
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने कटरा सीएचसी पर शाहबाज का मेडिकल कराया। वहां से पुलिस टीम उसे न्यायालय में पेश करने के लिए आगे बढ़ गई। पुलिस के मुताबिक, कटरा से करीब पांच किलोमीटर आगे बतलइया गांव के पास पहुंचने पर सड़क पर एक गाय सामने आ गई। उसे बचाने में पुलिस की गाड़ी की रफ्तार धीमी हुई, तभी शाहबाज दरोगा की पिस्टल निकालकर भागा और हाईवे किनारे एक खेत में छिप गया। वहां पहुंची पुलिस पर फायरिंग की। जवाब में चलाई गई गोली लगने से घायल शाहबाज को पुलिस तिलहर सीएचसी ले गई। वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मीरानपुर कटरा के असिस्टेंट प्रोफेसर आलोक गुप्ता की हत्या के बाद सुबह से तनावपूर्ण माहौल रहा। शाम को उनका शव आने के बाद व्यापारियों व आमजन ने शाम करीब सात बजे लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कटरा चौराहे के पास जाम लगा दिया। रात करीब साढ़े दस बजे आरोपी शहबाज का एनकाउंटर होने की सूचना के बाद जाम को खोला गया। सपा के पूर्व नगराध्यक्ष सरताज खां की हत्या में नाम आने के बाद आरोपी शाहबाज को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। इसके बाद पुलिस से बचने के लिए हरिद्वार में जाकर रहने लगा था। मामला शांत होने के बाद कुछ माह पहले फिर से कटरा में लौट आया था।शाहबाज के माता-पिता की पहले मौत हो चुकी है। उसका बड़ा भाई साबिर हसन व दो छोटी बहनें हैं, जो घरों में चौका-बर्तन करती हैं। आलोक की हत्या के बाद उसकी बहनें भी घर में ताला डालकर चलीं गईं हैं।
0 Comments