यूपी निकाय चुनाव में सीएम योगी के इन मंत्रियों की दांव पर प्रतिष्ठा...

विपक्ष से ज्यादा बागियों से मिल रही चुनौती


लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव में पहले चरण के लिए मंगलवार को प्रचार खत्म हो जाएगा। इस चुनाव को जिताने के लिए योगी सरकार के कई दर्जन मंत्रियों की साख दांव पर लगी है। मंत्रियों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में तो पार्टी को चुनाव जिताना ही है, साथ ही प्रभार वाले जिले में भी कमल खिलाने की जिम्मेदारी निभानी है। राजनीतिक जानकर बताते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे निकाय चुनाव एक प्रकार का पूर्व अभ्यास हैं। मंत्रियों के लिए यह चुनाव जनता के बीच पहुंच और लोकप्रियता का पैमाना भी तय करेंगे। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि निकाय चुनाव के नतीजों का असर लोकसभा चुनाव तक रहेगा। लिहाजा पार्टी ने सभी 17 नगर निगमों और जिला मुख्यालयों की नगर पालिका परिषदों में कब्जा जमाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी 75 जिलों का चुनावी दौरा कर रहे हैं।

जानकर बताते हैं कि पहली बार नगर निगम बने शाहजहांपुर में तीन मंत्रियों की साख कसौटी पर है। इनमें वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, पीडब्लूडी मंत्री जितिन प्रसाद और सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर शामिल हैं। ऐसे ही आगरा में भी तीन मंत्री की नाक का सवाल है उनमें प्रमुख रूप से महिला कल्याण मंत्री बेबी रानी मौर्या, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति हैं। प्रयागराज में भाजपा ने औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी की पत्नी अभिलाषा नंदी का टिकट काटकर महानगर अध्यक्ष उमेश चंद्र गणेश केसरवानी को प्रत्याशी बनाया है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज से आते हैं, मौर्य ने यहां चुनावी बागडोर संभालने के साथ पूरी ताकत लगा रखी है।

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