मार्च 2023 में नवगठित डेडिकेटेड आयोग की रिपोर्ट आने के बाद OBC सहित सभी वर्गों को मिले संवैधानिक अधिकारों के तहत नियमानुसार आरक्षण सुनिश्चित करके चुनाव कराने की दिशा में राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से आदेश माँगा था। उन्होंने कहा कि संविधान और देश की क़ानूनी व्यवस्था के तहत हम कमजोर वर्गों को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की 'सबका साथ सबका विकास' की भावना हमारा मूल मंत्र है।
OBC को पहले भी भाजपा सरकार ने 5 दिसंबर 2022 के अनंतिम नोटिफ़िकेशन में आरक्षण दिया था। आज भी वह OBC आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। और आगे भी रहेगी। कथनी और करनी में फ़र्क़ रखने वाले, झूट बोलने वाले और अपने निहित स्वार्थ के लिए पूरी चुनाव की संवैधानिक प्रक्रिया को तोड़ने वाले आज फिर से परास्त हुए। किसी एक निकाय की सीट ओबीसी हो जाने से व्यथित कुछ स्वार्थी लोग जो विरोधी पार्टी के सदस्य हैं।
उनके क़ानूनी दाँवपेंच की वजह से पूरी प्रक्रिया में विलंब हुआ। लेकिन अपने निहित स्वार्थ के लिए पिछड़े, दलित, शोषित व कमजोर वर्ग को आरक्षण दिए बग़ैर चुनाव कराने की और दूसरी तरफ़ राज्य सरकार को बदनाम करने की विरोधियों की साज़िश और पैंतरेबाज़ी अब नाकाम हुई।

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