होली बाजार पर चढ़ा स्वदेशी का रंग, विदेशी पड़ा फीका...इस रंग के गुलाल की बढ़ी डिमांड!


अलीगढ़। होली में दस दिन शेष रह गए हैं। आठ मार्च को रंगों का त्योहार मनाया जाएगा। रंग, पिचकारी, गुलाल, टी-शर्ट, टोप का बाजार सजकर तैयार है। इस बार चीन के उत्पाद बाजार से गायब है, स्वदेशी सामानों की भरमार है। थोक और फुटकर बाजार में भीड़ होने लगी है। थोक व्यापारी वसीउद्दीन ने बताया कि इस बार चीन निर्मित उत्पाद पूरी तरह से गायब हैं। हर्बल अबीर के साथ-साथ ईको फ्रेंडली रंगों की मांग है। ये थोड़े मंहगे जरूर हैं, लेकिन लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं।

थोक में करीब छह रुपये प्रति पीस से पिचकारियों की शुरूआत है, जो आठ सौ रुपये प्रति पीस तक है। गुलाल दस से सौ रुपये किलो तक का है। थोक व्यापारी सोमांक वार्ष्णेय ने बताया कि पहले करीब 80 प्रतिशत गुलाल बाजार पर चीन का कब्जा था। सस्ते के चक्कर में लोग उसे काफी पसंद करते थे। कोरोना काल में चीन का माल आना बंद हो गया। दिल्ली में कारोबारियों पर जो माल बचा हुआ था, वह पिछली साल तक बाजार में बिका है। इस बार बाजार से चीन का माल गायब है, स्वदेशी माल ही बिक रहा है। पिछली साल सबसे ज्यादा बिकने वाला भगवा गुलाल इस बार भी लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है।

थोक कारोबारियों के मुताबिक बाजार में इसकी काफी मांग है। होली आने से पहले ही बाजार से इसकी कमी हो रही है। मांग के सापेक्ष केवल पचास प्रतिशत ही इसकी आपूर्ति हो पा रही है। होली पर बच्चों के लिए इस बार दो नए उत्पाद बाजार में आए हैं। जो बच्चों को खूब भा रहे हैं। गुलाल फायरो गन जिसे फायर करने पर बंदूक से गुलाल निकलता है। थोक बाजार में इसकी कीमत लगभग दो सौ रुपये से शुरु होकर पांच सौ रुपये तक है। वहीं बलून शूटर की कीमत लगभग चार सौ रुपये है।

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