बांग्लादेशी महिला गिरफ्तारः पहचान छिपा 11 साल से रह रही थी... और ऐसे गई पकड़ी!


बरेली। जिले में बांग्लादेश की एक महिला पिछले 11 साल से पहचान छिपाकर नवाबगंज के गांव समुहा में रह रही थी। पासपोर्ट आवेदन की जांच के लिए जब पुलिस गांव पहुंची तो इसका खुलासा हुआ। गुरुवार को एलआईयू ने भी गांव पहुंचकर जांच-पड़ताल की। महिला और उसके पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस दोनों से पूछताछ में जुटी है। पकड़ी गई महिला राजिया बांग्लादेश के जसोर जिले की मूल निवासी है। वह पिछले 11 साल से समुहा निवासी पुत्तन शाह की पत्नी के तौर पर गांव में रह रही थी। उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार ने बताया पुत्तन शाह की पत्नी का देहांत हो चुका है।

पकड़ी गई महिला अपनी असली पहचान छिपाकर पुत्तन शाह की मृत पत्नी के नाम खातून बेगम का इस्तेमाल कर रही थी। उसने रिछा के पते पर आधार कार्ड, वोटर आईडी और पैन कार्ड भी बनवा लिया था। बीते दिनों उसने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। आवेदन की जांच के लिए बीते दिनों पुलिस गांव पहुंची थी। इसी दौरान मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद उच्च अधिकारियों को सूचना दी गई। गुरूवार को एलआईयू की टीम के साथ गांव पहुंची पुलिस ने महिला और उसके पति को पकड़कर थाने ले आई। जांच में फर्जी दस्तावेज तैयार कराने में पति पुत्तन शाह की संलिप्तता सामने आई। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।

पुलिस पूछताछ में महिला ने बताया 11 साल पहले वह धोखे से बॉर्डर पार कर भारत में प्रवेश कर गई थी। भटकते हुए वह रिछा पहुंची। यहां आने के बाद रिछा के एक युवक से उसने शादी की थी। कुछ समय बाद ही पति की मौत हो गई। इसके बाद वह पुत्तन शाह के साथ बतौर पत्नी रहने लगी। एसएसपी अखिलेश चौरसिया ने बताया कि बांग्लादेश की महिला शादी करने के बाद नाम पता छिपाकर रह रही थी। अवैध रूप से निवास की स्थिति में उसके खिलाफ रिपोर्ट कराई है।

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