हमलावरों ने संदीप पर फेंका का था बम, दुर्वासा धाम पर होगा अंतिम संस्कार
शुक्रवार को को हुए हमले में उमेश पाल की मौके पर मौत हो गई थी तो वहीं गनर संदीप निषाद ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। संदीप के परिजन प्रयागराज रवाना हुए, तो सूचना उनके अस्पताल में भर्ती होने की ही थी। इसीलिए वो भगवान से उनके सकुशल होने की गुहार लगाते पहुंचे थे। जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो संदीप का शव मिला। मां, पिता, भाई सब पर पहाड़ टूट पड़ा। संदीप एक माह पूर्व अपने घर आए थे। पत्नी रीमा की तबीयत खराब देख उसे अपने साथ प्रयागराज ले गए थे। जाते-जाते सभी को भरोसा दिया था कि इस बार होली गांव पर मनेगी। किसी को क्या पता था कि ये भरोसा कभी पूरा नहीं होगा। संदीप के दो साल पहले शादी हुई थी। वो तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। बड़ा भाई प्रदीप प्रयागराज में ही सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहा है तो छोटा भाई दीपचंद घर पर रहता है।
घटना की सूचना मिलते पर शनिवार को मृतक के घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा। दीपचंद ने बताया कि पिता व परिवार के अन्य लोग प्रयागराज गए हैं। वहां से शव आने पर दुर्वासा धाम पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। राजू पाल हत्याकांड के चश्मदीद उमेश पाल व उनके गनर की हत्या की वारदात महज 47 सेकंड में अंजाम देकर हत्यारे निकल भागे। उमेश पर पहली गोली 4.56 मिनट 28 सेकेंड पर दागी गई। जबकि, 4.57 मिनट 15 सेकेंड पर बदमाश वारदात को अंजाम दे चुके थे। हमलावरों की संख्या छह थी जो एक सफेद रंग की कार व एक लाल रंग की बाइक से आए थे।
घटना उमेश पाल के घर के ठीक बाहर अंजाम दी गई और घर के बाहर और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुई। फुटेज के मुताबिक, उमेश कार से जैसे ही उतरे वैसे ही उनपर गोलीबारी शुरू हो गई। उमेश को जैसे ही पहली गोली मारी गई, बाइक पर पीछे बैठकर पहुंचे बदमाश ने नीचे उतरकर बम चलाना शुरू कर दिया। पहला बम उमेश की गाड़ी पर दाहिनी ओर लगा। जिसमें उधर से उतर रहे गनर संदीप निषाद चोटिल हुए। उमेश को बचाने के लिए बढ़े तो हमलावरों ने संदीप पर बम फेंक दिया। जिससे वह जमीन पर गिरकर अचेत हो गए
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