फर्जी मार्कशीट पर 30 साल बना रहा डाक विभाग का बाबू और प्रमोशन मिलने पर ....


मुरादाबाद। डाक विभाग में नौकरी पाने केलिए हाथ से मार्कशीट बना डाली। तीस साल तक इसी आधार पर ठाठ से नौकरी की। अब शिकायत पर जांच में विभाग के बाबू को दोषी करार देते हुए निलंबित कर दिया गया है। बाबू के खिलाफ राष्टपति और डाक महानिदेशक को पत्र भेजकर मामले में जांच की मांग की गई थी।

सरकारी विभागों में नौकरी पाने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते हैं। एक ऐसा ही मामला मुरादाबाद के डाक विभाग में उजागर हुआ है। विभाग के मुताबिक, 1992 में डाक विभाग में डाक सहायक आदि पदों के लिए भर्ती निकाली गई। इस पद के लिए अरविंद मोहन शर्मा ने भी आवेदन किया। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को देखते हुए मार्कशीट में हेराफेरी हो गई। कर्मचारी ने इंटरमीडिएट की मार्कशीट हाथ लिखी प्रस्तुत की।

एक अन्य कर्मचारी के खिलाफ भी हुई थी शिकायत चंदौसी निवासी अनिल अग्रवाल ने डाक विभाग में फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी पाने का मामला उठाया था। डाक विभाग के एक अन्य कर्मचारी के खिलाफ भी जांच हुई। जांच में कार्रवाई हुई मगर विभाग में कर्मचारी को लखनउ में मुख्य पीएमजी ने बहाल कर दिया।

प्रवर डाक अधीक्षक डाक विभाग वीर सिंह ने कहा कि फर्जी मार्कशीट मामले की विभागीय जांच कराई गई थी। नौकरी के दौरान मार्कशीट हाथ से लिखी हुई थी। जांच के बाद इसे फर्जी करार दिया गया। विभाग ने संबंधित बाबू के खिलाफ कार्रवाई की है। तत्काल प्रभाव से स्टाफ क्लर्क को निलंबित कर दिया गया है।

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