वाराणसी। मुठभेड़ में ढेर दोनों बदमाशों का बड़ा आपराधिक इतिहास रहा है. पिछले एक दशक से बिहार के समस्तीपुर समेत अन्य जिलों में इनकी दहशत थी. चारों भाई रजनीश, मनीष और लल्लन, राजेश का आतंक पूरे बिहार में था. पुलिसकर्मियों की दिनदहाड़े हत्या कर असलहा लूट के साथ ही गिरोह के संग बैंक डकैती और अन्य जघन्य वारदात को अंजाम देना ही इनका काम था. तीन माह पूर्व पटना कोर्ट से फरार तीनों बदमाश रजनीश, मनीष और लल्लन पिछले कुछ माह से मंडुवाडीह में रह रहे थे. तीन माह पूर्व 9 सितंबर 2022 को पटना बाढ़ जिला जज की कोर्ट से पेशी के दौरान बाथरूम की दीवार फांदकर फरार हुए थे.
दोनों की आपराधिक हिस्ट्री कमिश्नरेट पुलिस ने खंगाली तो सामने आया कि दोनों भाइयों पर पहला मुकदमा वर्ष 2011 में लूट का समस्तीपुर के मोहद्दीपुर थाने में दर्ज हुआ था. पुलिस अधिकारियों के अनुसार मुठभेड़ में ढेर रजनीश, मनीष के दो अन्य भाई लल्लन और राजेश भी आपराधिक कृत्यों में लिप्त हैं. पिता शिवशंकर भी बेटों के मन को बढ़ाता रहा. इनका एक गिरोह बिहार में है. चारों भाइयों ने छह मार्च 2017 को पटना के बेलछी थाना के बाघाटिलहा गांव के पास पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से दिनदहाड़े 60 लाख रुपये लूट लिए थे. इस दौरान लूट की घटना को अंजाम देने के दौरान बैंक के गार्ड योगेश्वर पासवान, सुरेश सिंह और वाहन चालक अजीत यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने बदमाशों से 45 लाख रुपये बरामद किया था.
इसके एक साल पूर्व दोनों बदमाशों ने वर्ष 2016 में बिहार में दो दरोगा की हत्या और एक जमादार को गोली मारकर तीन सरकारी पिस्टल और एक रिवाल्वर लूट ली थी. पुलिस आयुक्त के अनुसार बदमाशों के कब्जे से बरामद मोबाइल की सीडीआर खंगाली जा रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि वाराणसी में और कौन लोग इनके संपर्क में थे. पनाह देने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी. दरोगा अजय यादव की हत्या का प्रयास और सर्विस पिस्टल लूट की घटना ने वाराणसी के साथ ही यूपी पुलिस को भी हिला दिया था. पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने दस दरोगा की एसआईटी गठित की. सर्विलांस प्रभारी इंस्पेक्टर अंजनी पांडेय और क्राइम ब्रांच की टीम लगातार 13 दिन तक सुरागकशी करती रही. कमिश्नरेट पुलिस के लिए यह घटना चुनौती बनी थी. आखिरकार 13 दिन के अंदर पुलिस ने आतंक का अंत कर दिया.
रोहनिया थाना अंतर्गत जगतपुर दरेखू गांव में 9 नवंबर की शाम दरोगा अजय यादव को गोली मार कर बदमाशों ने सर्विस पिस्टल, दस कारतूस, मोबाइल, पर्स लूट ली थी. फायरिंग में दरोगा को सीने के दाहिने हिस्से में गोली लगी थी. इस प्रकरण में लापरवाही बरतने पर रोहनिया इंस्पेक्टर विमल कुमार मिश्र और मोहनसराय चौकी इंचार्ज रजनीश त्रिपाठी को पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने निलंबित कर दिया था. अलसुबह के समय हरहुआ रिंग रोड किनारे अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से आसपास के ग्रामीण सहम गए. अपने गंतव्य को जाने वाले राहगीर भी जहां-तहां ठहर गए. अचानक पुलिस की भारी फोर्स और गाड़ियों को देख बहुत देर तक ग्रामीण कुछ समझ नहीं सके. बाद में मालूम चला कि पुलिस की बदमाशों से मुठभेड़ हुई है.
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