नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में सियासी हलचल तेज हो गई है. राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया के बीच अब उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर भी नियुक्ति कर दी गई है. इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद प्रदेश में कांग्रेस के अध्यक्ष का पद खाली था. जालौन के रहने वाले और एक समय में बसपा सुप्रीमो मायावती के करीबी रहे बृजलाल खाबरी को यूपी कांग्रेस का प्रमुख बनाया गया है. राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि यूपी में दलित नेता को अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस की नजर मायावती के वोटबैंक पर है.
दरअसल, पिछले कुछ चुनाव में बीएसपी से दलित वोटबैंक छिटका है, जिसपर अब कांग्रेस ने नजरें गड़ा ली हैं. वहीं, सिर्फ प्रदेश में ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी कांग्रेस दलित वोटर्स को मल्लिकार्जुन खड़गे के जरिए साधने जा रही है. मालूम हो कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए खड़गे और शशि थरूर के बीच में सीधी लड़ाई है, लेकिन खड़गे की जीत तय मानी जा रही है.
यूपी में विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव तक में दलित मतदाता काफी अहम जगह रखते हैं. प्रदेश में दलित मतदाता का प्रतिशत तकरीबन 21 फीसदी है, जिसमें बड़ा हिस्सा बसपा की ओर जाता थात्र दलित में जाटव और गैर-जाटव की बात करें तो 50-55 फीसदी आबादी जाटव की है, जिससे खुद बसपा सुप्रीमो मायावती भी आती हैं. ऐसे में जाटव मतदाता पर बसपा की पकड़ काफी मजबूत रही है. वहीं, अन्य में पासी, कनौजिया, खटीक, वाल्मिकी जैसे सब-कास्ट्स का प्रतिशत है.
सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज के अनुसार, साल 2017 में बीएसपी को 65 फीसदी जाटव ने वोट किया था, जबकि साल 2022 के चुनाव में यह प्रतिशत कम होकर 35 फीसदी पर आ गया. यह साफ दर्शाता है कि अन्य पार्टियां भी 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से दलित वोटबैंक में लगातार सेंधमारी कर रही हैं. इसी के मद्देनजर कांग्रेस ने भी दलित वोट हासिल करने के लिए प्रदेश की कमान बृजलाल खाबरी को दी है.
भले ही कांग्रेस लंबे समय से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर रही हो, लेकिन कई दशकों पहले पार्टी प्रदेश में सबसे बड़े दल के रूप में जानी जाती थी। इसमें एक बड़ा वोटबैंक दलितों का भी रहा है. प्रदेश में 1980 तक कांग्रेस पार्टी को दलित मतदाताओं के मत खूब मिलते रहे, लेकिन उसके बाद अन्य दलों के पक्ष में ये वोट जाते रहे. अब एक बार फिर से पार्टी खुद को मजबूत करने के लिए दलित मतदाता की तरफ देख रही है.
बृजलाल खाबरी यूपी के जालौन के रहने वाले हैं. वह बसपा सुप्रीमो मायावती के काफी करीबी नेताओं में गिने जाते थे, लेकिन बाद में बसपा से इस्तीफा देकर साल 2016 में कांग्रेस में शामिल हुए. बसपा में वह जोनल कोऑर्डिनेटर रह चुके थे. हालांकि, कांग्रेस से वह अब तक दो बार चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन 2017 और 2022 के दोनों ही विधानसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. पिछला चुनाव उन्होंने ललितपुर जिले की महरौनी (सुरक्षित) सीट से लड़ा था. बीजेपी के मनोहर लाल पंथ (मन्नू कोरी) ने उन्हें हराया था.
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