3 माह बाद जेल से छूटे पीडब्लूडी ठेकेदार ने लगाई फांसी, महिला अधिकारी ने कराया था दुष्कर्म का केस


लखनऊ। पीडब्ल्यूडी ठेकेदार ने गोमती नगर विस्तार स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. ठेकेदार दुष्कर्म के मुकदमे में 3 माह जेल में बंद होने के बाद एक माह पहले ही जमानत पर छूटा था। सुसाइड नोट में पीडब्ल्यूडी की सहायक अभियंता (एई) और उसके पिता पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया है. महिला इंजीनियर इस समय अयोध्या में तैनात है. मूलरूप से गोंडा के तुलसीपुर मांझा नवाबगंज निवासी प्रशांत विजय सिंह (42) गोमती नगर विस्तार स्थित शिप्रा अपार्टमेंट के बी-101 फ्लैट में पत्नी नितिशा, बेटे अर्णव (16) और आरव (12) के साथ रहते थे. वह पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारी करते थे. उनके पिता प्रो. सिद्धमान सिंह डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विवि में तैनात हैं. पत्नी के मुताबिक शुक्रवार रात वह बेटे अर्णव को कमरे में बैठा कर पढ़ा रहीं थीं. तभी प्रशांत कमरे में आ गए.

प्रशांत ने पत्नी और बेटे को दूसरे कमरे में भेज दिया. कुछ देर बाद पत्नी ने खाने के लिए पूछा तो कहा कि भूख नहीं है. इसके बाद प्रशांत ने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. शनिवार सुबह करीब पांच बजे बड़े बेटे अर्णव की नींद खुली तो कमरे की लाइट जल रही थी. अर्णव ने आवाज लगाई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद बच्चे ने अपनी मां को सूचना दी. नितिशा के मुताबिक दरवाजा पीटने पर भी जब कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने आशियाना निवासी देवर स्वतंत्र को फोन किया. इस दौरान अर्णव ने खिड़की से कमरे में झांक कर देखा तो पिता का शव पंखे में चादर के सहारे लटक रहा था. छोटे भाई स्वतंत्र सिंह पहुंचे तो दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतारा गया.

ठेकेदार प्रशांत के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है. इसमें पीडब्ल्यूडी की सहायक अभियंता (सिविल) पर आरोप लगाया है. इंजीनियर लखनऊ में तैनात थी और अब अयोध्या में तैनात है. भाई स्वतंत्र के मुताबिक महिला अधिकारी ने प्रशांत के खिलाफ एक मई को दुष्कर्म का मुकदमा लिखाया था. तीन मई को उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. करीब तीन महीने बाद 15 अगस्त को वह जमानत पर छूटे थे. स्वतंत्र के मुताबिक आरोपी इंजीनियर रुपयों की मांग कर रही थी. मना करने पर ब्लैकमेल किया जा रहा था. इंस्पेक्टर गोमतीनगर विस्तार अनिल कुमार सिंह ने बताया कि साइड नोट की हैण्ड राइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई जाएगी. महिला इंजीनियर से भी पूछताछ होगी. परिवार की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

पीडब्ल्यूडी में तैनात इंजीनियर ने प्रशांत विजय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप था कि ऑफिस में काम के सिलसिले में मुलाकात के दौरान प्रशांत ने अविवाहित होने की बात कहते हुए दोस्ती की थी. इसके बाद लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगा. इस बीच प्रशांत के करीबी से पता चला कि वह दो बच्चों का पिता है. इस संबंध में बात की तो मारपीट की. एक दिन नशे की हालत में कहा कि उसके पास शारीरिक संबंध बनाने के वीडियो हैं. इसे वायरल कर देगा. वीडियो डिलीट करने के बदले प्रशांत ने दस लाख रुपये मांगे. महिला इंजीनियर का आरोप है कि 28 अप्रैल को प्रशांत ने उसके घर पहुंच कर असलहा लहराते हुए धमकी दी थी। घटना से जुड़ा सीसी फुटेज मिलने का दावा करते हुए मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने एफआईआर के आधार पर प्रशांत को गिरफ्तार कर लिया था.

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