लखनऊ। वर्ष 2017 के बाद से लगातार चुनाव हार रहे अखिलेश यादव नगर निकाय चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. हालांकि पिछले साल हुए पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपना परचम जरूर लहराया है. लेकिन विधानसभा चुनाव में वह सत्ता में वापसी नहीं कर सके. लोकसभा उपचुनाव में भी उन्हें हार मिली. अब उनकी नजर आगामी नगर निकाय चुनाव पर है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि अखिलेश लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले नगर निकाय चुनाव में खेला कर सकते हैं.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसके लिए अपना अभियान तेज कर दिया है. उन्होंने नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत के चुनावों की तैयारी के लिए उसके क्षेत्र के विधायकों को नामित कर दिया है. इसके अलावा जहां विधायक नहीं हैं, वहां विधानसभा चुनाव लड़ चुके पार्टी प्रत्याशियों को पर्यवेक्षक बनाया गया है. इस संबंध में सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने शुक्रवार को पत्र जारी किया है. इसमें कहा गया है कि यह सभी पर्यवेक्षक विस्तारित व नवगठित नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत में वार्ड के निर्धारण व परसीमन के काम को दुरुस्त कराएंगे. पिछड़ी जाति की गणना के लिए रैपिड सर्वे के कार्य में हो रही गड़बड़ी को ठीक कराएंगे.
पर्यवेक्षकों से कहा गया है कि वोटर लिस्ट में नाम बढ़वाने, कटवाने, बदलवाने का काम पार्टी हित में कराएंगे. सपा इससे पहले नगर निगमों के चुनाव के लिए अपने नेताओं व विधायकों को प्रभारी बना चुकी है. पार्टी का सदस्यता अभियान जोरो पर चल रहा है. इसके खत्म होने के बाद यह प्रभारी व पर्यवेक्षक प्रत्याशी चयन के काम में सहयोग करेंगे. पार्टी इस बार पूरी मजबूती से निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गई है. इसके लिए उसने निकाय चुनाव के लिए वोटरों को साधने की रणनीति बनानी शुरू कर दी है.
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