गैंगस्टर ने खुद को मरा साबित करने के लिए दोस्त को ही मार डाला... जाने क्या है प्रकरण


मुरादाबाद। शाहजहांपुर में पकड़े गये मुरादाबाद के ‘मृत’ गैंगस्टर की गिरफ्तारी के बाद जो खुलासे हुए उसने सभी को हैरान कर दिया. गैंगस्टर ने खुद को मरा दिखाने के लिए अपने ही जिगरी दोस्त तक का कत्ल करके उसका अंतिम संस्कार भी करवा दिया. मूंढापांडे थाना क्षेत्र के बेलवारी के मझरा इसनगंज निवासी ‘मृत’ गैंगेस्टर मुकेश यादव शातिर दिमाग है. अपने ऊपर लगे सभी इल्जाम हटाने के लिए उसे खुद को मरा दिखाना सबसे आसान रास्ता दिखा. इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए उसे एक शव की जरूरत थी, सो उसने अपने साथ रह रहे सूरजनगर निवासी दोस्त को ही बलि चढ़ा दिया.


इसके बाद उत्तराखंड के सितारगंज स्थित पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी के साथ मिलकर अपने कागजात डेडबॉडी के साथ रखकर खुद को मरा साबित कर दिया था. एक साजिश के तहत परिवार के चुनिंदा लोगों से शव की मुकेश के रूप में शिनाख्त भी करवा दी थी और परिवार वालों से उसका अंतिम संस्कार भी करवा दिया. मृतक मनेंद्र का भाई मोनू कुमार सात साल से रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने और चौकी के चक्कर काट रहा है. पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही. उसने शुक्रवार को कटघर थाने में एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया को तहरीर दी. कहा कि सर जी अब तो केस दर्ज कर लीजिए. एसपी सिटी ने मोनू कुमार को कार्रवाई का आश्वासन दिया.

मोनू कुमार की आंखों में आंसू थे. बोले, सात साल पहले छोटे भाई मनेंद्र कुमार को सुपरवाइजर की नौकरी लगवाने के लिए मुकेश यादव अपने साथ ले गया था। सिक्योरिटी एजेंसी में नौकरी लगवाने की बात कही थी. इसके बाद से भाई का कोई पता नहीं चल सका. 29 जुलाई 2015 को पता चला कि मुकेश यादव की मौत हो गई है, लेकिन भाई का कोई पता नहीं चल सका. अब बाद पता चला कि मुकेश यादव जीवित है. उसने खुद को मरा साबित करने के लिए भाई का कत्ल किया है. उसके घर वालों ने मेरे भाई को मुकेश मानकर अंतिम संस्कार किया है.

मोनू का आरोप है कि इस संदर्भ में उसने तत्कालीन थाना और चौकी प्रभारी तथा अधिकारियों से शिकायत की, मगर कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. सभी प्रमाण मांगते रहे. आज एसपी सिटी को तहरीर दी है. मोनू कुमार ने बताया कि अब तो सारे प्रमाण मौजूद हैं. उम्मीद है कि अब केस दर्ज हो जाएगा. इसके बाद ही भाई की आत्मा को शांति मिल सकेगी. सीओ हाईवे देश दीपक सिंह ने बताया कि गैंगेस्टर मुकेश यादव के मुकदमों का ब्योरा खंगाला जा रहा है. मूंढापांडे थाने पर दो केस दर्ज हैं. सभी को दोबारा चालू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

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