सपाई टोपी पहनने वाले वन दारोगा अजीत भड़ाना की सेवा समाप्त-मेरठ के पंचायत में हुए थे शामिल


बुलंदशहर। विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी की पंचायत में पहुंचे वन दारोगा पर गाज गिर गई है. डीएफओ बागपत की जांच रिपोर्ट के बाद वन संरक्षक मेरठ ने वन दारोगा अजीत भड़ाना की सेवा समाप्त कर दी है. दरअसल, मेरठ के मवाना क्षेत्र के गांव दांदूपुर निवासी अजीत भड़ाना जिले के वन विभाग में बतौर वन संरक्षक तैनात थे. बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव के दौरान वह बगैर अवकाश अपने गांव पहुंचे. भड़ाना क्षेत्र के गांव करीमपुर में आयोजित समाजवादी पार्टी की पंचायत में शामिल हुए. जहां इन्होंने वन दारोगा की वर्दी उतारकर दो विधायकों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया और इस्तीफा देने की घोषणा की.

इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल हुई तो स्थानीय विभागीय अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया. डीएफओ विनीता सिंह ने उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराया. इस मामले की जांच बागपत में तैनात डीएफओ हेमंत सेठ को सौंपी गई थी. हेमंत सेठ की जांच रिपोर्ट वन संरक्षक मेरठ को भेजी गई. जांच रिपोर्ट मिलने पर वन संरक्षक मेरठ ने अजीत भड़ाना की सेवा समाप्त कर दी है. वन संरक्षक ने निदेशालय को रिपोर्ट भेज दी है.

वन संरक्षक अजीत भड़ाना ने पूर्व में वाटसएप पर इस्तीफा भेजा था, जो अनुमान्य नहीं है. डीएफओ विनीता सिंह ने कहा कि मामले की जांच कराई गई तो राजनैतिक सभा में शामिल होना पाया गया. सरकारी सेवक नियमावली का उल्लंघन किया गया. वन संरक्षक मेरठ के निर्देश प्राप्त हो चुके हैं. अजीत भड़ाना की सेवा समाप्त कर दी गई है.

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