लखनऊ। अपराध अनुसंधान विभाग में तैनात एक सिपाही को बीते 27 मार्च की देर रात अंजान नंबर से वाट्सएप पर वीडियो काल आयी। काल रिसीव किया तो करीब एक मिनट तक अश्लील वीडियो दिखाया गया। फोन कटते ही एक अन्य व्यक्ति ने खुद को आइजी बताते हुए फोन किया और निलंबित करने की धमकी देते हुए 83 हजार रुपये ऐंठ लिए।
इंस्पेक्टर घनश्याम मणि त्रिपाठी ने बताया कि सिपाही अपने घर पर था। इस बीच देर रात उसके वाट्सएप पर वीडियो काल आयी। काल रिसीव करते ही करीब एक मिनट तक स्क्रीन पर अश्लील वीडियो चलता रहा। सिपाही देखता रहा फिर फोन कट गया। कुछ देर बाद एक अन्य व्यक्ति ने सिपाही को फोन किया और कहा कि वह साइबर क्राइम सेल दिल्ली से आइजी बोल रहे हैं। आपका एक अश्लील वीडियो यू-ट्यूब पर चल रहा है। उसे तत्काल डिलीट कराओ। अन्यथा यूपी पुलिस के उच्चाधिकारियों को फोन कर आपको निलंबित कराया जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस की एक टीम भेजकर आपको गिरफ्तार कराया जाएगा।
सिपाही डर गया तो उसने खुद को आइजी बताने वाले व्यक्ति से क्षमा मांगी। इस पर उस व्यक्ति ने एक नंबर दिया और कहा कि इस पर फोन कर अपना वीडियो डिलीट करा दो। सिपाही ने उस नंबर पर फोन किया तो फोन रिसीव करने वाले ने वीडियो डिलीट करने के लिए पांच हजार रुपये की मांग की। सिपाही ने उनके द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर किया। इसके बाद बातों में फंसाकर और रुपये ऐंठे। कुल मिलाकर 83 हजार रुपये ऐंठ लिए। इसके बाद फोन कट गया। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने नंबर पर फोन मिलाया तो स्विच आफ था। इसके बाद तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया।
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