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आजमगढ़। आजमगढ़-मऊ एमएलसी चुनाव के मतदान के दिन राजनीतिक की एक नई कहानी लिखी गई। जी हां बात हो रही है पूर्वाचल के दो दिग्गज राजनैतिक परिवारों की। जिन्होंने ने ने अपने-अपने बेटों की जीत सुनिश्चित करने के लिए दलीय सीमाओं का भी उल्लघंन करने से नहीं चूके।
दरअसल, एमएलसी चुनाव के मतदान के दिन दो पिताओं की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें एक तस्वीर में सपा विधायक रमाकांत यादव भाजपा के खेम में बैठ कर बेटे पूर्व भाजपा विधायक अरूणकांत यादव के जीत के रणनीति तय कर रहे है तो दूसरी तस्वीर में भाजपा से निष्कासित एमएलसी यशंवत सिंह निर्दलीय उम्मीदवार बेटे विक्रांत सिंह रिषु के लिए भाजपा नेताओं से चर्चा कर रहे है।
उल्लेखनीय है कि इस चुनाव में भाजपा ने पूर्व विधायक अरूणकांत यादव को प्रत्याशी बनाया है उनके पिता रमांकात यादव ने भाजपा छोड़कर 18 वीं विधान सभा चुनाव में सपा के टिकट से फूलपुर-पवई सीट से विधायक चुने गए। सपा विधायक होने के बावजूद सपा प्रत्याशी एमएलसी राकेश यादव गुड्डू का प्रचार न कर मतदान वाले दिन वह अचानक भाजपा खेमे में पहुंच गए। वहीं भाजपा एमएलसी यशंवत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह रिषु ने इस चुनाव में निर्दलीय पर्चा भरा तो पिता पर उनका सहयोग करने का आरोप लगा। जिसे भाजपा हाईकमान ने संज्ञान लेते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। लेकिन मतदान के दिन निष्कासित एमएमसी भी भाजपा नेताओं से अपने बेटे के जीत के लिए चर्चा करते हुए नजर आए। चुनाव का परिणाम जो भी उसका निर्णय अब मतगणना के बाद पता चलेगा किन्तु पिताओं ने अपने-अपने बेटों के जीत के लिए दलीय सीमाओं को तोड़ने से नहीं चूके।

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