डीएम के मुताबिक, अविनाश और सुशील संगठित गिरोह बनाकर बिना लाइसेंस के अवैध रूप से मोटी ब्याज दर पर पैसों की वसूली करते हैं। उन्होंने बताया कि दोनों ब्याज पर पैसा लेने वालों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करके उनकी संपत्ति भी हड़पते हैं। सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों के पास आय का कोई भी वैध स्रोत नहीं है और समाज विरोधी कृत्यों में शामिल होने के कारण उनके कई प्लॉट, मकान और लगभग 60 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
दरअसल, जून 2021 में कच्चा कटरा मोहल्ले के निवासी अखिलेश गुप्ता ने सूदखोर अविनाश बाजपेई से ब्याज पर 12 लाख रुपये लिए थे। आरोप है कि गुप्ता 12 लाख रुपये का ब्याज चुका रहे थे और सूदखोर ने चक्रवृद्धि ब्याज लगाकर उन पर 70 लाख रुपये अतिरिक्त देने का दबाव बनाया। तंग आकर अखिलेश और उनकी पत्नी रेशों ने अपने दोनों बच्चों के साथ खुदकुशी कर ली थी।

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