पूर्व निदेशक वित्त व जीएम से 922-922 करोड़ की होगी वसूली-जाने क्या है प्रकरण



लखनऊ। पॉवर कार्पाेरेशन के बहुचर्चित भविष्य निधि (पीएफ) घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी तथा तत्कालीन महाप्रबंधक (वित्त एवं लेखा) एवं सचिव सामान्य भविष्य निधि ट्रस्ट प्रवीन कुमार गुप्ता से 922-922 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही सुधांशु द्विवेदी की पेंशन में 100 प्रतिशत कटौती की गई है जबकि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में प्रबंध निदेशक से संबद्ध प्रवीन कुमार गुप्ता को बर्खास्त कर दिया गया है। पावर कार्पाेरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज की ओर से सुधांशु द्विवेदी और प्रवीन कुमार गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) व अंशदायी भविष्य निधि (सीपीएफ) ट्रस्ट में जमा बिजलीकर्मियों का 2778.30 करोड़ रुपये का दीवान हाउसिंग फाइनेंस कार्पाेरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) में असुरक्षित निवेश करने के मामले में सुधांशु द्विवेदी और प्रवीन कुमार गुप्ता को दोषी मानते हुए यह कार्रवाई की गई है। मार्च 2017 से डीएचएफएल में जीपीएफ व सीपीएफ की धनराशि निवेश करने का खुलासा 2019 में हुआ था। इसके बाद सुधांशु द्विवेदी और प्रवीन गुप्ता के खिलाफ 2 नवंबर 2019 को एफआईआर दर्ज कराई गई गई थी। दोनों को गिरफ्तार भी किया गया था। इसके साथ ही पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन ने सुधांशु द्विवेदी व प्रवीन गुप्ता के खिलाफ अनुशासनिक व विभागीय कार्रवाई के लिए नवंबर 2019 में मुख्य अभियंता (जांच समिति) को जांच सौंपी थी। सुधांशु इस समय जेल में बंद हैं जबकि प्रवीन गुप्ता जमानत पर जेल से बाहर हैं।

मुख्य अभियंता (जांच समिति) ने पॉवर कार्पाेरेशन प्रबंधन को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में जीपीएफ व सीपीएफ की धनराशि के डीएचएफएल में असुरक्षित निवेश के लिए सुधांशु व प्रवीन को जिम्मेदार ठहराया है। जांच रिपोर्ट पर दोनों से उनका पक्ष मांगा गया लेकिन निर्धारित अवधि में जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ दोष सिद्ध मानते हुए कार्रवाई की गई है। पावर कार्पाेरेशन केअध्यक्ष ने आदेश में जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि भविष्य निधि का पैसा कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के बाद उनके भविष्य के लिए सुरक्षित होता है। प्रवीन गुप्ता द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर सुधांशु द्विवेदी के अनुमोदन के बाद डीएचएफएल में जीपीएफ का 1745.25 करोड़ तथा सीपीएफ का 1033.05 करोड़ (कुल 2778.30 करोड़) असुरक्षित मद में निवेश किया गया। इसमें से सीपीएफ ट्रस्ट का 667,57,53,138 तथा जीपीएफ का 1178, 10,81,383 करोड़ (कुल 1845,6834521 करोड़) रुपये मिलना शेष है।


आदेश में कहा गया है कि सुधांशु व प्रवीन गुप्ता के इस कृत्य से पावर कार्पाेरेशन के कार्मिकों की उनके सेवाकाल में जीपीएफ व सीपीएफ में जमा की गई बड़ी धनराशि असुरक्षित हो गई है। यह घोर अनुशासनहीनता व कदाचरण की श्रेणी में आता है। देवराज ने सुधांशु द्विवेदी की पेंशन में 100 प्रतिशत कटौती करने के साथ-साथ 922,84,17,261 रुपये की वसूली का आदेश दिया है जबकि प्रवीन गुप्ता को बर्खास्त करने के साथ उनसे भी 922,84,17,261 रुपये की वसूली का आदेश दिया गया है।

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