लगी विशेष मुहर से हुआ खुलासा
डीजीजीआई ने 22 से 27 दिसंबर के बीच पीयूष के कानपुर और कन्नौज स्थित आवास में छापेमारी की थी। उसके साथ गणपति रोड कैरियर्स पर भी छापों में भारी खेल पकड़ा गया था। इसी दौरान डीजीजीआई को पीयूष के ठिकानों से सुपाड़ी के कुछ बोरे भी मिले थे जिसमें लगी विशेष मुहर की जब जांच की गई तो खुलासा हुआ ये कि नार्थ ईस्ट के चर्चित सुपाड़ी तस्कर के हैं।
हवाला के जरिए पहुंचता था तस्करी की रकम
छानबीन में खुलासा हुआ कि पीयूष सुपाड़ी का काम भी कर रहा था और इसकी सप्लाई टैक्स चोरी के रास्ते में दो बड़े पान मसाला ब्रांड्स को की जा रही थी। पान मसाले में तस्करी की सुपाड़ी के घालमेल के बाद आयकर विभाग ने धावा बोल दिया। सूत्रों के मुताबिक सुपाड़ी तस्कर ने दिखावे के लिए कुछ अन्य कारोबार खोले हैं लेकिन सुपाड़ी में उसका सिक्का चलता है।इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके द्वारा सप्लाई बोरों में उसकी खास मुहर लगती है ताकि रास्ते में कोई उसे न पकड़े।
चिकेन नेक से होकर पहुंची कारखाने
सूत्रों के मुताबिक तस्करी की सुपाड़ी बर्मा, मणिपुर, असोम, नेपाल और मलेशिया की सुपारी सिलीगुड़ी, चिकेन नेक से होकर पीयूष जैन के कारखाने में पहुंचाई जा रही थी। तस्करी की रकम हवाला के जरिए उस तक पहुंचाई जा रही थी। हवाला का धंधा भी देश में हवाला किंग के नाम से मशहूर एक कारोबारी के जरिए किया जा रहा था।
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