झांसी। महानगर के पुलिया नंबर 9 स्थित पानी की टंकी के पास अस्थाई विवाह घर में पहुंची बरात में डीजे बजता देख काजी ने निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया। काफी मान मनौवल के बाद जब शहर का कोई भी काजी निकाह पढ़ाने के लिए राजी नहीं हुआ तो लड़की व लड़के पक्ष के लोगों ने मंच से माफी मांगी। इस दौरान काजी ने 25 हजार रुपये का जुर्माना अदा करने का एलान दिया। चार घंटे के बाद निकाह की रस्म पूरी हो सकी।
बरात में डीजे देख काजी हुए नाराज
मिली जानकारी के अनुसार, पुलिया नंबर नौ स्थित एक परिवार में गुरसराय से बरात आनी थी। इसके लिए लड़की पक्ष के लोगों ने खाली पड़े मैदान को विवाह घर में तब्दील कर दिया था। बरात आने से पहले लड़की पक्ष के लोग स्वागत के लिए जुटे हुए थे। लड़की पक्ष के लोगों ने काजी को भी बुला लिया था। बरात में शामिल लोग डीजे की धुन पर नाचते हुए आ रहे थे। जैसे ही बरात शादी विवाह घर पर पहुंची तो काजी बरात में डीजे देखकर नाराज हो गए।
कोई भी काजी निकाह पढ़ाने को नहीं हुए राजी
जब उन्होंने निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया। तब यह खबर सुनते ही इलाके के इमाम कारी सुलेमान, कारी सलीम, हाफिज रिजवान व हाफिज अताउल्ला सहित कई इमामों ने मौके पर काजी का समर्थन किया। काजियों को मनाने के लिए बराती और घराती पक्ष के लोग जुट गए। लाख कोशिशों के बाद भी काजी निकाह पढ़ाने के लिए राजी नहीं हुए तो लोगों ने शहर के कई काजियों से संपर्क कर निकाह पढ़ाने का आग्रह किया। लेकिन स्थिति को भांपते हुए शहर का कोई भी काजी निकाह पढ़ाने के लिए तैयार नहीं हुआ।
काजियों ने 25 हजार का लगाया जुर्माना
काफी आग्रह के बाद वर वधू-पक्ष के लोगों ने अल्लाह से तौबा कर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। वहीं काजियों ने भी 25 हजार रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया। शादी घर में लगभग चार घंटे के बाद निकाह की रस्म को पूरा किया जा सका। लड़की के चाचा ने बताया कि पूर्व में ही लड़के पक्ष के लोगों को शरीयत के तरीके से बरात लाने का आग्रह किया गया था। लेकिन बराती डीजे लेकर पहुंचे जिस पर काजी ने निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया था।
सार्वजनिक रूप से माफी मांगने पर पढ़ाया निकाह
इस संबंध में इमाम मस्जिद मदीना हाफिज अता उल्ला का कहना है कि पूर्व में बैठक कर यह एलान कर दिया गया था जो शादी शरीयत के नियमों के खिलाफ होगी उस शादी में शहर का कोई भी काजी निकाह नहीं पढ़ाएगा। शादी वाले परिवार को एक सप्ताह पहले ही शरीयत के तरीके से शादी करने की हिदायत दी गई थी। लेकिन बरात में डीजे होने पर निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया गया था। अल्लाह से तौबा करने के साथ ही सार्वजनिक रूप से माफी मांगने पर ही निकाह पढ़ाया गया है।
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