प्रयागराज। शहर के कीडगंज इलाके में गुरुवार की रात सनसनीखेज वारदात से दशहत फैल गई। भाजपा विधायक संजय गुप्ता के बहनोई व चाट कारोबारी संदीप उर्फ भोले गुप्ता (48) पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। इसमें वह और उनके भाई विशाल उर्फ राजन (36) के अलावा ग्राहक रामजी (52) और वहां से गुजर रहा छात्र नारायण तिवारी (18) जख्मी हो गए। सभी को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां राजन की हालत बेहद नाजुक बनी हुई थी। उधर घटना से आक्रोशित लोगों ने तोड़फोड़ के बाद एक मकान को आग के हवाले कर दिया। गोलीबारी करने का आरोपी आबकारी विभाग का निलंबित सिपाही घटना के बाद से अपने साथी समेत फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है। संदीप कीडगंज स्थित बीच वाली सड़क पर रहते हैं। उनका चाट व मिठाई का पुश्तैनी कारोबार है और घर के अगले हिस्से में ही वह दुकान चलाते हैं। रोज की तरह गुरुवार की शाम को भी वह छोटे भाई राजन के साथ दुकान पर थे।
आरोपित सिपाही के घर में लगाई आग
पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच पुराना विवाद चल रहा है। यह भी चर्चा है कि विवाद की वजह भुक्तभोगी की दुकान के सामने स्थित एक मकान है। घटना से आक्रोशित लोगों ने आरोपियों के घर पर आ लगा दी। इससे अफरातफरी मची रही। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से लोगों को तितर बितर किया। जख्मी संदीप का परिवार भाजपा विधायक संजय गुप्ता का करीबी रिश्तेदार है। देर रात तक वह अस्पताल में डटे रहे। चार लोगों को सरेआम गोली मारे जाने से बवाल हो गया। एसआरएन अस्पताल में हंगामा हुआ तो कीडगंज में लोगों ने सड़क पर उतर तोड़फोड़ शुरू कर दी। गुस्साए लोगों ने आरोपित सिपाही विमलेश के घर पथराव कर तोड़फोड़ के बाद एक मकान में आग लगा दी। उस मकान में सिपाही अपने साथियों के साथ बैठता था।
11 महीने पहले भी हुआ था विवाद
विधायक के बहनोई संदीप उर्फ भोले व उसके भाई पर फायरिंग का आरोप जिस निलंबित सिपाही पर लगा है, उससे उनका 11 महीने पहले भी विवाद हुआ था। तब उनकी दुकान पर बाइक सवार बदमाशों ने बम चलाकर सनसनी फैला दी थी। भुक्तभोगी ने तब भी शक जताया था लेकिन कीडगंज पुलिस ने अज्ञात में हत्या का प्रयास की धारा में रिपोर्ट दर्ज की थी। बाद में दो युवकों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा। विमलेश भुक्तभोगी के मकान के ठीक पीछे किराये पर रहता था। परिजनों का आरोप है कि वह आए दिन दबंगई करता था। भुक्तभोगी संदीप के बेटे स्पर्श ने बताया कि इसी साल 23 जनवरी को भी उसके पिता पर हमला हुआ था। घटना तब हुई थी जब वह दुकान पर ही बैठे थे। इसी दौरान बाइक से पहुंचे हमलावरों ने उन्हें निशाना बनाकर बमबाजी की थी, जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे। इस घटना से कुछ दिन पहले ही विमलेश से उसके पिता का विवाद हुआ था।
सहकर्मी से छेड़खानी में हुआ था निलंबित
पुलिस सूत्रों का कहना है कि विमलेश मूल रूप से करछना का रहने वाला है। आबकारी विभाग में वह वाराणसी में तैनात था और इसी दौरान उसे महिला सिपाही से छेड़खानी कर दी थी। तब से वह निलंबित चल रहा है। इसके बाद से ही वह कीडगंज में किराये के मकान में रहने लगा था। एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि उसके नाम कोई शस्त्र लाइसेंस नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि उसने अवैध असलहे से फायरिंग की। निलंबित सिपाही की दबंगई से न सिर्फ भुक्तभोगी बल्कि पूरा मोहल्ला परेशान था। घटना के बाद उनका आक्रोश फूटने का एक बड़ा कारण यह भी था। मौके पर जुटे स्थानीय लोगों ने पुलिस अफसरों से बताया कि वह घूम-घूम कर मोहल्ले में गुंडई करता था। आए दिन लोगों से मारपीट करता था। भुक्तभोगी संदीप की दुकान के ठीक सामने स्थित मकान में ही वह अपने साथियों संग बैठकर खुलेआम शराब पीता था और देर रात तक गालीगलौज करता रहता था। इसी बात का संदीप विरोध करते थे, जिस पर वह उनसे रंजिश रखने लगा था।
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