एम्स में कैंटीन-दुकान दिलाने के नाम पर 34 लाख की ठगी- जाने क्या है माज़रा



गोरखपुर। गोरखपुर एम्स में कैंटीन और दवा की दुकान के नाम पर एक बार फिर जालसाजी का मामला सामने आया है। इस बार बेलीपार के रहने वाले महेन्द्र नाथ गुप्ता इसका शिकार बने हैं। उन्होंने जालसाजी के आरोप में राजीव तिवारी व उनकी पत्नी शिप्रा तिवारी पर मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि दोनों ने कैंटीन और दवा की दुकान दिलाने के नाम पर 34 लाख रुपये की ठगी की है। बकौल महेन्द्र उन्होंने खुद को शहर के एक रसूखदार व्यक्ति तथा व एम्स के बड़े अफसर का रिश्तेदार बताकर झांसे में ले लिया था। एसएसपी के आदेश पर कैंट पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

मिली जानकारी के मुताबिक बेलीपार क्षेत्र के रहने वाले महेंद्र नाथ गुप्ता ने कैंट पुलिस को दिए तहरीर में लिखा है कि चिलुआताल के गायत्रीपुरम निवासी राजीव तिवारी से एक परिचित व्यक्ति के जरिये उनकी मुलाकात हुई थी। राजीव ने खुद को प्रशासनिक अधिकारी बताया था। उसने कहा था कि वह जल्द ही नगर आयुक्त बनकर गोरखपुर आने वाला है। खुद को शहर के एक रसूखदार व्यक्ति का रिश्तेदार व एम्स के एक बड़े अफसर को अपना साढ़ू तक बताकर जाल में फंसाया और भरोसे में लेकर एम्स में कैंटीन, दवा की दुकान तथा पार्किंग दिलवाने का भरोसा दिलाया था। राजीव की पत्नी शिप्रा ने भी झांसे में लिया। महेन्द्र नाथ ने बताया कि वह उनके झांसे में आ गए क्योंकि वह व्यापार करने के लिए जगह की तलाश कर रहे थे। वह आरोपित के झांसे में आ गए उन्होंने जमीन बेचकर कई बार में खाते में आरटीजीएस, नगद माध्यम से कुल 34 लाख दे दिए। उन्होंने नवंबर 2019 में रुपये दिए थे लेकिन जब कोई काम नहीं हुआ। इसपर राजीव से पैसे वापस मांगने गए तो वह आनाकानी करने लगा। पुलिस ने आरोपित राजीव तिवारी और उनकी पत्नी शिप्रा तिवारी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। वहीं एम्स में नौकरी दिलाने के नाम पर हाल ही में जालसाजी का मामला सामने आया था। संविदा पर वार्ड ब्वाय, कंप्यूटर आपरेटर, सफाई कर्मी के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर 50 बेराजगारों से 19 लाख 32 हजार रुपये के ठगी का मामला सामने आया था।

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