कानपुर। जाजमऊ के अधिवेशन में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आसान निकाह मुहिम का भी आगाज हुआ। बेहद सादगी से कराए गए निकाह में दूल्हे ने न तो फूलों का हार पहना और न ही कोई पगड़ी। सादे लिबास में गवाह-वकील की मौजूदगी में निकाह कराकर मुसलमानों को शादियों में फिजूलखर्ची से बचने का संदेश दिया गया। जाजमऊ की एक फैक्ट्री में काम करने वाले इरफान अहमद का निकाह इफ्तिखाराबाद की जैनब से पढ़ाया गया। इस निकाह के काजी खुद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद मोहम्मद राबे हसनी नदवी रहे। उन्होंने निकाह पढ़ाकर इरफान को मुबारकबाद और खुश रहने की दुआ दी। खजूर खिलाकर मौजूद लोगों का मुंह मीठा कराया और निकाह संपन्न हो गया।
कानपुर में अधिवेशन कराने वाले व्यवस्थापक और पटकापुर के मदरसा जामे उलूम के मोहतमिम मुहीउद्दीन खुसरो ताज ने यह निकाह कराने की जिम्मेदारी ली थी। उन्होंने बताया कि इस्लाम में शादी इतनी ही आसान है, लेकिन तमाम लोगों ने दहेज और दूसरे चलन को अख्तियार कर उसे कठिन बना दिया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी सदस्य डॉ. निकहत परवीन ने एक सवाल पर कहा, यह गलत है कि शादियों में गैरजरूरी रस्मों और चलन की जिम्मेदार महिलाएं हैं। सादगी से बिना दहेज की शादियों का अभियान चल रहा है। इस अभियान के जिम्मेदार बोर्ड के सचिव मौलाना उमरैन महमूद रहमानी ने बताया कि निकाह पढ़ाने वाले काजी और आलिम हर शादी में यह बताएं कि इस्लाम में किस तरह सादगी से निकाह की इजाजत है। धीरे-धीरे समाज में बदलाव आएगा।
0 Comments