अयोध्या में पिछले साल 6.06 लाख के मुकाबले इस साल जलेंगे 7.5 लाख दीए
अयोध्या। दीपोत्सव के पांचवें साल राम पैड़ी पर एक साथ साढ़े सात लाख दीयों को जलाकर अपने ही विश्व रिकार्ड को तोड़ने और नया कीर्तिमान स्थापित करने के लिए अयोध्या ने पूरी तैयारी ली है. जिसके लिए अवध विश्वविद्यालय की पूरी टीम दो दिन से लगातार कड़ी मेहनत कर रही है.दीपोत्सव का मुख्य पर्व हनुमान जयंती पर बुधवार को मनाया जाएगा. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी होंगे. राज्यपाल और मुख्यमंत्री समेत केन्या, वियतनाम व ट्रिनिडाड-टुबैगो के राजनयिक भी शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर करीब दो बजे पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री रामलला के दर्शन करने के बाद रामकथा पार्क में शोभायात्रा की अगवानी करेंगे. रामकथा पार्क के हेलीपैड पर पुष्पक विमान से भगवान श्रीराम, लक्ष्मण व मां सीता के स्वरूपों का अवतरण होगा. यहां पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के साथ मुख्य अतिथि केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी आरती उतारकर अगवानी करेंगे. रामकथा पार्क के मुख्य मंच पर राज्याभिषेक कार्यक्रम होगा. मुख्यमंत्री तीन साहित्यकारों की भगवान राम से जुड़ी पुस्तकों का विमोचन करेंगे. विश्व रिकार्ड की घोषणा के बाद लेजर शो का कार्यक्रम आयोजित होगा. यहां से मुख्यमंत्री फिर रामकथा पार्क आएंगे और श्रीलंका की रामलीला का अवलोकन करेंगे. पिछले वर्ष के दीपोत्सव में छह लाख छह हजार दीये प्रज्ज्वलित किए गए थे. इस वर्ष सात लाख 51 हजार दीये प्रज्ज्वलित किए जाएंगे।
12 हजार स्वयंसेवकों के सहयोग से जलेंगे दीए
अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने 12 हजार स्वयंसेवकों के सहयोग से घाट समन्वयक एवं प्रभारी के दिशा-निर्देशन में निश्चित पैटर्न पर दीए बिछाने का कार्य पूरा कर लिया. इन दीयों में बुधवार को ही तेल डालने और जलाने का काम होगा इस बार के दीपोत्सव में 32 घाटों पर लगभग दो सौ समन्वयक, 32 पर्यवेक्षक एवं 32 प्रभारी नियुक्त किए है. दीपोत्सव में प्रत्येक स्वयंसेवक को लगभग 75 दीए जलाने का लक्ष्य दिया गया है. मंगलवार को पूर्वाह्न नौ बजे से घाटों पर वालंटियर अपने घाटों पर मुस्तैद रहे और सुनिश्चित पैटर्न पर दीए लगाने का कार्य शुरू कर दिया.
रामजन्मभूमि परिसर में तीस हजार दीए
पर्यटन विभाग की ओर से रामजन्मभूमि परिसर समेत हनुमान गढ़ी, कनक भवन, दशरथ राजमहल, भरतकुंड, दशरथ समाधि स्थल व मखभूमि समेत सभी सार्वजनिक महत्व के स्थलों पर तीन लाख दीये जलाने का प्रबंधन किया गया है. इन दीयों को जलाने के लिए अलग-अलग टीमें भी गठित की गई हैं. उपनिदेशक पर्यटन आरपी यादव ने बताया कि रामजन्मभूमि परिसर में तीस हजार दीये जलाए जाएंगे. यहां दो सौ वालंटियर की टीम नियुक्त की गई है. विराजमान रामलला के समक्ष देशी घी के पांच दीये जलाए जाएंगे. इसके अलावा पांच-पांच हजार दीये रामजन्मभूमि के रास्ते क्रासिंग टू व थ्री के अलावा दर्शन मार्ग पर भी पांच हजार दीये जलाएंगे. वहीं राम मंदिर निर्माण स्थल पर दस हजार दीये जलाने की तैयारी की गई है.
कोविड प्रोटोकाल के साथ सुरक्षा की हिदायत
अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने दीपोत्सव का भव्य बनाने के लिए दीपोत्सव के पदधिकारियों को कोविड प्रोटोकाल के साथ सुरक्षा निर्देशों के अनुपालन की हिदायत दी. वही घाट नम्बर तीन व चार पर केवट व राम-रावण युद्ध के पैटर्न, घाट नंबर पांच व छह पर राम भक्त हनुमान एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत का पैटर्न बनाया गया है. राम पैड़ी के घाट नंबर दो पर आजादी के अमृत महोत्सव का पैटर्न दिया गया. स्वयंसेवकों को आने व जाने में कोई असुविधा न हो इसके लिए बसों का इंतजाम किया गया है. विश्वविद्यालय से तय समय पर बस को राम की पैड़ी पर रवाना किया जाएगा. कोविड-19 के नियमों से सभी स्वयंसेवकों को अवगत करा दिया गया है. नोडल अधिकारी प्रो. शैलेन्द्र वर्मा ने बताया कि स्वयंसेवक परिचय पत्र के साथ सुरक्षा का ध्यान रखेंगे.
0 Comments