जिसे चाहिए वाकई ताज उसे मिली प्लास्टिक की कुर्सी



आजमगढ़। राजनीति में कुर्सी का क्या महत्व होता है यह बात एक राजनेता से बेहतर कौन जानता सकता है। उसे पाने के लिए दिन-रात एक कर देता है। लेकिन जब उसे वह सम्मान नहीं मिलता है तो उस पर क्या गुरजती है इसकी कल्पना करना मुश्किल है। सोशल मीडिया पर समाजवार्दी पार्टी के लैपटाप वितरण कार्यक्रम के मंच का एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें समाजवादी पाटी के सबसे ईमानदार विधायक को अच्छी कुर्सी के बगल में प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठा गया है। ताज्जुब की बात है जिस बसपा नेता (अब सपा में ) को भाजपा लहर में हराकर विधायक बने उन्हें तो अच्छी कुर्सी मिल गई लेकिन सपा विधायक जिनके रिपोर्टिंग पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव जी आजमगढ़ के बारे में फैसले लेते रहे है उन्हें नहीं मिली।

गौरतलब है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव शहर के सेहदा में मेधावी बच्चों को लैपटाप बांटने आए थे। ऋषि पांडेय ने इसी कार्यक्रम के मंच की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कुछ तो सोच बदलो जिसे वाकई में ताज चाहिए उसे आप लोग प्लास्टिक की कुर्सी दिये नेता जी और आप लोगों में यही अंतर है। उस पर कंमेट करते हुए अजय कुमार सिंह ने लिखा कि वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करना हमारा धर्म एवं कर्तव्य दोनों है एक पक्ति में बैठने की व्यवस्था एक तरह की होनी चाहिए। वहीं आनन्द रघुवंशी ने लिखा की सोच हमें और आपको बदलनी हैं उनका तो यही हाल है हमेशा से जो पिता को सम्मान नहीं दे सकता तो उसके लिए ये तो छोटी बात है।

वही इस तस्वीर की चर्चा आजमगढ़ के राजनैतिक गलियारा  (लीडराबाद)  में अलसुबह ही शुरू हो गई। जी हां बात हो रही सपा विधायक आलमबदी की इन्होंनें 1996 में पहली बार निजामबाद से सपा के विधायक बने। फिर 2002 में भी निजामाबाद से ही समाजवादी झंडा बुलंद किया। हालांकि 2007 में इनकों कम मतों से हार मिली। लेकिन 2012 व 2017 में रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की। वहीं राजनैतिक प्रेक्षकों का मानना है कि आजमगढ़ समाजवार्दी पार्टी का गढ़ रहा है यहां सपा और बसपा में कांटे की टक्कर होती रही है लेकिन सपा के आलमबदी ऐसे नेता है जिनकी टिकट सबसे पहले कंर्फम होता रहा है। वे अपने चुनाव क्षेत्र में हमेशा रहते हैं लेकिन चुनाव के समय क्षेत्र में जाना कम कर देते हैं फिर भी जनता उन्हें मत देकर विजय श्री दिला देती है।

Post a Comment

0 Comments