घर पहुंचा तिरंगे में लिपटा लाल, अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब



बलिया। गड़वार थाना क्षेत्र के पड़वार गांव निवासी बीएसएफ जवान रामजी यादव (52) का शव पहुंचते ही कोहराम मच गया।प्रशासनिक अमला समेत आस-पास के गांवों के सैकड़ों लोग श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच गए। ताबूत से तिरंगे में लिपटे जवान का शव निकलते ही वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गई। रामजी यादव वर्तमान में बीएसएफ में एएसआइ (जीडी) के पद पर 39 बटालियन अम्बासा (त्रिपुरा) में तैनात थे। 20 अक्टूबर को सेना के वाहन से अपने अन्य साथियों के साथ अम्बासा कैण्ट से गोविंदपुर चौकी जा रहे थे, तभी तेज बारिश के चलते उनका वाहन अनियन्त्रित होकर पलट गया। वाहन में सवार रामजी यादव एवं वाहन चालक की जान घटना स्थल पर ही चली गई, जबकि उसमें सवार अन्य पांच साथी बाल-बाल बच गए। रामजी यादव की मौत की खबर मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गयी। तिरंगा में लिपटे जवान का शव शुक्रवार की शाम पैतृक गांव पहुंचा, जहां बीएसएफ जवानों ने अंतिम सलामी दी।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

पड़वार गांव में शव पहुंचते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। एक तरफ भाई दहाड़ मार-मार कर रो रहे थे तो दूसरी तरफ पत्नी पुष्पा देवी सदमें से बार-बार बेहोश हो जा रही थी। बताते चले कि इनके तीन और भाई भी सेना से सेवानिवृत्त के बाद घर पर है, जबकि छोटा भाई आसाम राइफल्स में कार्यरत है।

नौ माह पूर्व छोटे पुत्र की भी सड़क हादसे में हुई थी मौत

बीएसएफ में एएसआई के पद पर तैनात राम जी यादव के दो पुत्रों में बड़ा पुत्र विकास यादव (23) पढ़ाई करने के साथ सेना में भर्ती के लिए तैयारी कर रहा है, जबकि छोटे पुत्र प्रशान्त यादव (19) की मौत 31 जनवरी को फेफना थाना क्षेत्र के बलेजी गांव के समीप घने कोहरे के कारण एक्सीडेंट में हो गई थी। अभी इस सदमें से परिवार उबर भी नही पाया था कि तब तक परिवार पर पुनः आफत टुट पड़ी। इस घटना से गांव शोक की लहर है। जवान का अंतिम दर्शन करने सपा के जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव, पूर्व मंत्री नारद राय, जिला पंचायत अध्यक्ष आनन्द चौधरी समेत अन्य जन प्रतिनिधि व क्षेत्रीय लोग पहुंचे थे। 


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