रतनपुरा/ मऊ। रतनपुरा कस्बा के एक विकलांग मजदूर को आवास दिलाने के नाम पर साइबर
ठगों ने 1500 रुपए ठग लिए । पीड़ित विकलांग रतनपुरा कस्बा के पश्चिमी
मोहल्ला निवासी मुन्ना साहू है ,जो एक मील में आटा चक्की चलाता है।
बताया
जाता है कि सोमवार की प्रात 8:30 बजे के लगभग 7705854552 नंबर की मोबाइल
से मुन्ना साहू को अज्ञात कालर ने फोन किया कि मैं दिल्ली कार्यालय से बोल
रहा हूं ।आपका चयन प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थी के रूप में हो गया है। आप
पंद्रह सौ रुपया रजिस्ट्रेशन इत्यादि के लिए तत्काल भेज दें। रजिस्ट्रेशन
के बाद आपको 6 हजार रुपये इसके फाइल के तैयार करने के लिए लगेंगे। सीधे सरल
स्वभाव के मुन्ना साहू साइबर ठगों के मकड़जाल को समझ नहीं पाया ,और इस बात
को अपनी पत्नी दुर्गा देवी को बताया। दोनों लोग पुन: कालर से बात किए तो
उसने बताया कि गूगल पे के जरिए 800 93 18 450 नंबर पर तत्काल रजिस्ट्रेशन
शुल्क का डेढ़ हजार रुपया भेज दें, ताकि आगे की कार्रवाई प्रारंभ की जाए।
मुन्ना साहू के पास उस समय पैसे नहीं थे, उसने बच्चों के गुल्लक को फोड़
करके 8 का इंतजाम किया ,और 7 सौ रुपये उसने किसी से उधार लेकर के 15 सौ
रुपए साइबर ठगों के खाते में अंतरित करा दिया। दूसरे दिन उसने अपने बीवी के
गहने गिरवी रख कर के 6 हजार रुपए का इंतजाम किया। क्योंकि साइबर ठगों
द्वारा 6 हजार रुपए की मांग की गई थी। परंतु जब उसने फोन मिला करके यह
जानना चाहा कि 6 हजार रूपये कब भेजना है, तो साइबर ठगों ने फोन पर उसे
भद्दी भद्दी गालियां देनी शुरू कर दी। तब मुन्ना साहू को आभास हो गया कि वह
ठगा गया है। साइबर ठगी का शिकार हुआ मुन्ना साहू अपने खून पसीने की कमाई
गवा करके अत्यंत गुमसुम हो गया है । यही नहीं जिन जिन लोगों से कालर पर फोन
कराया, उन लोगों को ठगों ने सभी को भक्ति भद्दी भद्दी गालियां सुनाए।
ठगी से पीड़ित मुन्ना साहू ने इस प्रकरण को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री
कार्यालय में शिकायत किए जाने का मन बनाया है। पीड़ित मुन्ना साहू ने अपनी
पत्नी के जेवरात 6 हजार रुपए में बंधक रखा था। परंतु ठगी का शिकार होने के
बाद उसने पैसा दे करके अपना जेवरात वापस ले लिया।
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