आजमगढ़: ऑनलाइन प्रोडक्ट की सेल और मार्केट वैल्यू बढ़ाने के नाम पर फंसाया...13 लाख की साइबर ठगी के आरोप 4 गिरफ्तार!


आजमगढ़। ऑनलाइन प्रोडक्ट की सेल और मार्केट वैल्यू बढ़ाने के नाम पर 13 लाख की साइबर ठगी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। थाना साइबर क्राइम पुलिस ने लखनऊ से चार शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से भारी मात्रा में बैंक पासबुक, एटीएम, चेकबुक, मोबाइल और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं। रौनापार थाना क्षेत्र के गांगेपुर गांव निवासी भूपेंद्रनाथ यादव ने साइबर थाना में तहरीर दी थी कि उनके पुत्र को ‘वूकॉमर्स’ नामक फर्जी कंपनी के टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ा गया। कंपनी की वेबसाइट वूऑटोमेटिक डॉट कॉम पर प्रोडक्ट की सेल बढ़ाने के नाम पर अधिक लाभ का झांसा देकर 12,64,249 की ठगी की गई। शिकायत पर थाना साइबर क्राइम में मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू की गई। 
पूछताछ में आरापियों ने बताया कि वे ‘ली कूपर‘, ‘नोबिता’ और ‘सिंबा’ नामक टेलीग्राम आईडी से जुड़े रहते थे, जो विभिन्न राज्यों में साइबर ठगी से प्राप्त धनराशि को खातों में ट्रांसफर कराते थे। पकड़े गए चार आरोपियों के पास से चार मोबाइल फोन, सात एटीएम कार्ड, दो पासबुक, चार चेकबुक, दो आधार कार्ड और 540 नगद पुलिस ने कब्जे में लिए हैं। पकड़ा गया मुख्य आरोपी शक्ति कपाड़िया लखनऊ जनपद के अलीगंज, कन्नौज जनपद के गुरुसहायगंज थाना क्षेत्र के रौतामई निवासी मोनू, ठठिया थाना क्षेत्र के फकरपुर बरेवा गांव निवासी रोहित कुमार व कोतवाली क्षेत्र के बरका गांव निवासी मोहित कुमार शामिल है। 
एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि आरोपी नॉर्मल कॉल नहीं करते थे। वह इंटरनेट कॉल करते थे। किसी भी होटल में गए और वहां वाईफाई से कनेक्ट कर व्हाट्सएप व टेलीग्राम समेत अन्य एप का प्रयोग करते थे। यह लोगों को टेलीग्राम ऐप पर जीएसटी बचाने या ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब और पैसे बढ़ाने के नाम पर लोगों से संपर्क करते थे। बताया कि अपनी पहचान छिपाने के लिए आरोपी वर्चुवल नंबर, फर्जी सिम टेलीग्राम ग्रुप का प्रयोग करते थे। एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि लालच देकर लोगों से बैंक खाते, पासबुक, एटीएम कार्ड व संबंधित दस्तावेज एक निश्चित कमीशन पर प्राप्त करते थे। उक्त बैंक खातों में ऑनलाइन ठगी से प्राप्त धनराशि ट्रांसफर की जाती थी। इसके बाद उक्त राशि को चेक, एटीएम या यूपीआई के माध्यम से निकालकर नकद में परिवर्तित किया जाता था। निकाली गई रकम यश व सिंबा नामक व्यक्तियों को सुपुर्द की जाती थी।
एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि आरोपी शक्ति कपाड़िया ने पूछताछ में बताया कि खाता धारक से यह जांचने के लिए कि उसके बैंक खाते में यूपीआई सक्रिय है या नहीं, 50 रुपये की राशि जमा और निकासी का स्क्रीन शार्ट मंगाया जाता था। ताकि खाते की सक्रियता की पुष्टि की जा सके। एसपी ने बताया कि रोहित, मोनू मोहित व अजय नामक व्यक्ति शक्ति नामक युवक से जुड़े जो लखनऊ में रहकर विभिन्न खाताधारकों के बैंक खाते व दस्तावेज लेकर ठगी का कार्य कराता था। पुलिस ने साइबर गिरोह के चार अन्तर्राज्यीय अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए साइबर अपराधी देशभर में सक्रिय था और कई राज्यों के बैंक खातों का उपयोग कर रहा था। इस मामले में पुलिस छानबीन कर रही है। इस मामले में यदि अन्य आरोपियों के नाम सामने आएंगे तो इनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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