मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। पुलिस को चाहे मित्र पुलिस नाम दो या साथी लेकिन आम जनता के बीच अमूमन पुलिस की छवि कुख्यात ही मानी जाती है। लेकिन यह बात अब बीते दिनों की है। पुलिस की छवि में गुणात्मक सुधार के एक साथ कई नजीर बनी। यूपी की 112 पीवीआर ने पुलिस की छवि को जो स्वरूप दिया उसकी हर कोई प्रसंसा कर रहा है। राजधानी लखनऊ के पारा थाना क्षेत्र के देवपुर पारा में एक बुजुर्ग की मौत के बाद पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार किया है। पैसों की कमी के चलते मृतक की बेटी ने पुलिस से मदद मांगी थी। देवपुर पारा निवासी महिला ने सोमवार को डायल 112 पुलिस को सूचना दी कि उसके पिता की मृत्यु हो गई है। उसके परिवार में कोई पुरुष नहीं है। अंतिम संस्कार के लिए उसके पास पैसे भी नहीं है। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का विधि विधान से अंतिम संस्कार किया। पारा थाना प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार वर्मा ने बताया, सूचना मिलने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए जलालपुर चौकी इंचार्ज दिग्विजय यादव और पीआरवी के समस्त कर्मचारी तथा चौकीदार ने आर्थिक मदद करते हुए शव को कंधा देकर दाह संस्कार कराया।
दूसरी घटना-मऊ के दोहरीघाट के पास हुये दुर्घटना में गाड़ी चलाने वाले और अगली सीट पर बैठे सवारी की मौत हो गयी।पिछली सीट पर बैठा व्यक्ति घायल होकर बेहोश हो गया। होश आने पर उसने पुलिस को सूचना दी। हादसा इतना तेज था कि एयरबैग खुलने के बाद भी चलाने वाले स्टेयरिंग से चिपक गए।अगली सीट पर बैठी महिला सीट बेल्ट नहीं लगाई थी, जिसकी वजह से वह सीट से नीचे गिर गईं और उनकी मौत हो गई। जिंदा बचे व्यक्ति ने बताया कि हादसे के बाद मैं भी बेहोश हो गया था। होश आने पर देखा कि मैं भी गाड़ी में बुरी तरह फंसा हुआ था। इसके बाद मैंने फोन कर पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर बाद पुलिस पहुंची और इनोवा कार का गेट काटकर हम लोगों को बाहर निकाला।
तीसरी घटना पीलीभीत की है। यहां तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर और टेंपो की आमने-सामने की टक्कर में 5 लोगों की मौत हो गई थी। 5 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। टक्कर इतनी भयानक थी कि टेंपो खाई में पलट गई। उसमें सवार लोग उछलकर रोड पर जा गिरे। सड़क पर हर तरफ लाशें बिखरी पड़ी थीं। खून से लथपथ लोग चीख-चिल्ला रहे थे। करीब 10 मीटर एरिया में केवल खून ही खून दिख रहा था। घटना के बाद राहगीरों और ग्रामीणों की भीड़ लग गई।कोई किसी को छूने की हिम्मत नहीं कर रहा था।112 पर सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। सभी घायलों को अस्पताल और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। इन घटनाओं ने यूपी पुलिस की छवि को बहुत हद तक बदलने की कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।
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