लखनऊ। 2027 विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी का पूर्वांचल पर विशेष फोकस है। 2024 के लोकसभा चुनाव में शानदार नतीजों के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पूर्वांचल में अपनी पकड़ और मजबूत करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इसी रणनीति का हिस्सा है आजमगढ़ में बना समाजवादी पार्टी का नया कार्यालय, जिसमें सपा मुखिया अखिलेश का आवास है। अखिलेश ने 3 जुलाई को इस भवन का उद्घ्घाटन किया और इसे नाम दिया पीडीए भवन। जानकार बताते हैं कि आजमगढ़ में सपा मुखिया के आवास और भव्य पार्टी दफ्तर बनाने के बाद पार्टी ने साफ संदेश दे दिया है कि पूर्वांचल के लिए यही दफ्तर सपा का मुख्यालय होगा। जहां से सपा मुखिया अखिलेश और अन्य बड़े नेता 2027 विधानसभा चुनावों की कमान संभालेंगे।
जिस पीडीए राजनीति को लेकर समाजवादी पार्टी आगे बढ़ रही है, उसका पूर्वांचल में विशेष प्रभाव है। यही वजह है कि 2024 लोकसभा चुनाव में सपा को इस क्षेत्र में अच्छी सफलता भी मिली। पूर्वांचल बेल्ट में 28 जिले और 164 विधानसभा सीटें हैं। इन सीटों पर रणनीति तय करना और एक संदेश देना सपा के लिए कठिन काम था। इसलिए सपा ने आजमगढ़ में बड़ा पार्टी दफ्तर और आवास बनाकर लोगों को एक संदेश देने की कोशिश की है कि सपा खासतौर पर मुलायम परिवार का इस पूरे क्षेत्र से गहरा संबंध है।
इसका लाभ पार्टी 2027 विधानसभा चुनाव में उठाना चाहेगी। जानकार मानते हैं कि सपा मुखिया का कैंप कार्यालय और आवास आजमगढ़ में होने से आसपास के जिलों मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, बलिया में पार्टी को बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। साथ ही आजमगढ़ में सपा प्रमुख का कैंप कार्यालय बन जाने से पूर्वी यूपी में पार्टी की जमीनी तैयारियों पर न केवल लगातार नजर रखी जा सकेगी बल्कघ् िइन इलाकों के नेता व कार्यकर्ता भी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से सीधे संपर्क में रह सकेंगे।
पूर्वांचल में सपा का कोई बड़ा कार्यालय न होने का एक असर पिछले विधानसभा चुनावों में साफ दिखा था। जमीनी स्तर पर पकड़ न बना पाने के कारण पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल की 164 सीटों में से केवल 14 और 2022 के विधानसभा चुनाव में केवल 53 सीटें ही जीत पाई थी।
आजमगढ़ में सपा का बड़ा दफ्तर और सपा मुखिया के आवास बनने के पीछे कई संदेश छिपे हैं। मुलायम परिवार का इस सीट से भावनात्मक लगाव रहा है। 2014 लोकसभा चुनाव के बाद हर चुनाव में इस सीट से मुलायम परिवार के सदस्य ही चुनाव लड़े हैं। इस जिलों को समाजवादी पार्टी के गढ़ के रूप में देखा जाता है।
सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 2014 में आजमगढ़ और मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीते। दोनों सीटों पर मिली जीत के बाद मुलायम ने मैनपुरी सीट को छोड़ दिया और आजमगढ़ के सांसद बने रहे। इसके बाद 2019 में अखिलेश इस सीट से सांसद बने। इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा ने सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की। हालांकि 2022 विधानसभा चुनाव के बाद जब सपा मुखिया ने इस सीट को छोड़ा, तो उपचुनाव में आजमगढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की। बाद में 2024 के चुनावों में मुलायम परिवार को धर्मेंद्र यादव ने इस सीट से जीत हासिल की।
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