आजमगढ़। साहब ने कहा नंगा कर दूंगा और नेताजी ने खुद ही अपनी शर्ट उतार दिया और कहा लो मैं नंगा हो गया। यह किसी फिल्म का सीन या डायलॉग नहीं है बल्कि आजमगढ़ में बुधवार को यह सदर तहसील स्थित उपजिलाधिकारी के कक्ष में प्रत्यक्ष में घटित हुआ। मामला कुछ यूं है कि आज पूर्वाह्न लगभग 11.30 बजे भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा अध्यक्ष निखिल राय उपजिलाधिकारी सदर सुनील कुमार धनवंता से मिलने पहुंचे और उन्होंने किसी समस्या के बाबत एसडीएम से बात शुरू ही की थी कि किसी बात को लेकर दोनों लोगों में वार्ता तूं -तूं मैं-मैं में बदल गई, जिस पर दोनों लोग तैस में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करने लगे इसी दौरान उपजिलाधिकारी सदर सुनील कुमार धनवंता ने कहाकि मैं तुम्हें नंगा करके खदेड़ दूंगा जिस पर युवा मोर्चा अध्यक्ष निखिल राय ने अपना शर्ट उतारते हुए कहाकि लो मैं खुद ही नंगा हो गया और वहीं तहसील परिसर में धरने पर बैठ गए। ऐसा होते ही साथ के लोगों का मोबाइल फोन घन-घनाने लगा और तमाम सत्ताधारी पार्टी के नेता उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंचने लगे। इस पर वहां से युवा मोर्चा अध्यक्ष सहित सभी लोग कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय डीएम से मिलने पहुंचे वहां जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन राहुल विश्वकर्मा को मामले को देखने के लिए कहा। इस संबंध में निखिल राय ने मीडिया से वार्ता करते हुए कहाकि मैं जन समस्याओं को लेकर एसडीएम से मिलने गया था जहां उन्होंने मेरी बात को गंभीरता से सुनने की बचाए अनावश्यक बातें करने लगे और जब मैंने प्रतिवाद किया तो उन्होंने मुझे नंगा करने की धमकी दिया जिस पर मैं स्वयं ही विरोध स्वरूप अर्धनग्न हो गया। युवा मोर्चा अध्यक्ष ने निखिल राय ने कहाकि यदि जिला प्रशासन उप जिलाधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही नहीं करता है तो मैं आंदोलन के लिए तत्पर हूं। इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष ध्रुव सिंह ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं का अपमान किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन को चाहिए कि वह मामले की जांच कर कर उचित कार्रवाई करे। इस संबंध में पार्टी के लोगों ने अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन अपर जिलाधिकारी प्रशासन को सौंपा गया। बहरहाल मामला चाहे जो भी रहा हो इस घटना ने कुछ देर के लिए तहसील परिसर से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक माहौल को काफी गर्म कर दिया और लोग इस घटना को चर्चा करते हुए कहने लगे की जब सत्ता पार्टी के नेताओं की यह हालत है तो फिर आम जनता का क्या हाल होता होगा, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। ज्ञातव्य है कि कलेक्ट्रेट बार के अधिवक्ता काफी दिनों से एसडीएम की कार्यप्रणाली के खिलाफ आंदोलित हैं और उन्होंने उपजिलाधिकारी के न्यायालय का बहिष्कार कर रखा है। शासन-प्रशासन से लेकर स्थानीय नेताओं तक को इसके बारे में अवगत कराया लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। देखना है अब इस मामले में जिसमें सत्ता पार्टी के युवा मोर्चा अध्यक्ष स्वयं इंवॉल्व हैं क्या होता है।
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