UGC Regulation 2025: आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से स्नातक पाठयक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए राहत की खबर है। अब यदि वे एक या दो पेपर में फेल हो जाते हैं तो भी उनकी मार्क्सशीट में फेल होने के बाद दोबारा परीक्षा देने की बात नहीं लिखी होगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) के तहत तैयार यूजीसी रेगुलेशन 2025 (स्नातकपूर्व और स्नातकोत्तर उपाधि प्रदान करने के लिए अनुदेश के न्यूनतम मापदंड) का गैजेट नोटिफिकेशन जारी होते ही यह देश के सभी विश्वविद्यालयों में अनिवार्य रूप से लागू हो गया है। इसमें अब छात्रों को साल में दो बार दाखिला, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, डिग्री पूरी करने का समय (रैगुलर डिग्री पूरी करने के लिए एक साल अतिरिक्त मिलने के कारण फेल नहीं लिखा होगा) की आजादी मिल रही है।
यूजीसी रेगुलेशन 2025 के तहत अब अगले साल से अब 12वीं की पढ़ाई करने के बाद विद्यार्थी स्नातक पाठयक्रम के लिए किसी भी संकाय में दाखिला ले सकेंगे। इस साल के लिए सीयूईटी यूजी 2025 की परीक्षा के नियम तय हैं। इसलिए अगले साल से यह नियम लागू होगा। इसमें कला, विज्ञान या कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों का 12वीं कक्षा में संबंधित विषय में पास होना अनिवार्य नहीं रहेगा। विद्यार्थी सीयूईटी यूजी या संबंधित विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में शामिल होकर उसकी मेरिट के आधार पर अपनी पसंद का संकाय चुन सकेंगे।
नए नियमों में सभी तरह के विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को साल में दो बार दाखिला लेने, डिग्री प्रोग्राम कभी भी छोड़ने या नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत किसी भी विषय में कभी भी पढ़ाई का मौका देने का प्रावधान किया गया है। पहले सत्र में जुलाई-अगस्त और दूसरे सत्र में जनवरी-फरवरी में दाखिला होगा।
शैक्षणिक सत्र 2025 में दाखिला लेने वाले छात्र अपने विश्वविद्यालय से डिग्री पूरी करने का समय खुद चयन करने की मांग कर सकते हैं। यह विकल्प पहले और दूसरे सेमेस्टर में प्रदर्शन मूल्यांकन के आधार पर मिलेगा। मेधावी (एडीपी ) छात्रों के लिए 10 फीसदी सीट और दीक्षांत समारोह से पहले डिग्री मिलेगी। तीन साल (छह सेमेस्टर) की डिग्री पांच सेमेस्टर में कर सकेंगे। चार वर्ष की आठ सेमेस्टर की डिग्री छह या सात सेमेस्टर में पूरी हो सकेगी। धीमी गति (ईडीपीपी) वाले छात्रों को तीन, चार वर्षीय डिग्री में अधिकतम दो अतिरिक्त सेमेस्टर में कोर्स पूरा करना होगा। यानी तीन साल की डिग्री चार साल, चार की डिग्री को पांच साल में पूरा करने का मौका मिलेगा। वहीं, अभी तक यदि कोई छात्र दो से तीन विषयों में फेल हो जाता था तो उसकी मार्कशीट में दोबारा परीक्षा में शामिल होने लिखा रहता था, लेकिन अब यह नहीं लिखा होगा।
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