दुद्धी, सोनभद्र। मानव जीवन के पेड़ -पौधों का कितना महत्व होता है उसे एक डॉक्टर से बेहतर कोई शायद ही समझ सके, क्योंकि मानव जीवन के आक्सीजन प्राण दायिनी गैस होता है। 5 दिसम्बर दिन गुरुवार को म्योरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत गड़िया में जैसे ही डॉक्टर दम्पति की बारात बनारस से घर पहुंची तो दुल्हन ने अपने डॉक्टर पति से पूर्व शर्त के अनुसार पौधरोपण कर जीवन की शुरुआत करने की मंशा जाहिर की जिस पर डॉक्टर पति ने अपनी सहमति जतायी।चिकित्सक दंपति ने शादी के बाद घर में कदम रखने के पूर्व पौध रोपण किया,इसके बाद घर में बहु आने की रस्म अदा की गई।
नव दम्पति की इस पहल की चर्चा गाँव में खूब चल रही है। हर कोई चिकित्सक दम्पति द्वारा पेश की गई मिशाल को एक नजीर के तौर पर देख रहें है। चिकित्सक दूल्हा डा.राज के बड़े भईया वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यनारायण यादव ने बताया कि वाराणसी में 4 दिसंबर की रात शादी के बाद लंबी दूरी तय कर जब दूल्हा,दुल्हन गांव पहुंचे तो सबसे पहले 51 फलदार आम अमरूद,आंवला के पौधे का रोपण कर उसमे पानी देने के बाद घर में कदम रखा।अधिवक्ता ने बताया कि दुल्हा डॉ राज और दुल्हन डॉ संगीता ने रास्ते में ही तय कर लिया था कि वह शादी के बाद प्रकृति और पर्यावरण सरंक्षण के लिए संकल्पित है।हमे आज के पश्चायत संस्कृति से हट कर प्रकृति के साथ जीवन जीना है और लोगों को भी इसके लिए आगे आने की जरूरत है। कहा कि आज कटते जंगल, बेतहाशा बढ़ते प्रदूषण के कारण हमारी धरती और हम सब खतरे में है।ऐसे में प्रकृति के लिए समर्पित होने की जरूरत है। वन दरोगा विजेंद्र सिंह ने नव दंपति के इस अनोखे और सराहनीय पहल की प्रशंसा करते हुए कहा है कि प्रकृति के सरंक्षण के लिए किया गया पहल अन्य नव दंपतियों के लिए उदाहरण बनेगा।
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