लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और पार्टी की मुखिया मायावती इन दिनों दो मामलों को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई हैं। पहला मामला पूर्व सांसद मुनकाद अली की बेटी के समाजवादी से चुनाव लड़ने के बाद बसपा नेताओं को अली के परिवार की शादी समारोह में शामिल होने से रोकने का है। वहीं दूसरे मामले में सपा विधायक की बेटी से अपने बेटे की शादी कर देने से नाराज मायावती ने अपनी पार्टी के दिग्गज नेता को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीं जब मामले ने तूल पकड़ा तो बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपनी सफाई दी है।
मायावती ने अपने पोस्ट में लिखा कि बसपा के पूर्व सांसद मुनकाद अली के लड़के की शादी में पार्टी के लोगों को इसलिए रोका गया, क्योंकि इनकी लड़की मीरापुर से सपा से विधानसभा का उपचुनाव लड़ रही थी। वहीं उनके खिलाफ बसपा भी यह उपचुनाव लड़ रही थी। बसपा मुखिया ने आगे लिखा कि ऐसे में शादी में दोनों पार्टियों के लोगों के आपस में टकराने की चर्चा थी, उससे बचाने के लिए पार्टी को मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा। लेकिन इस मामले को दूसरे तरीके से प्रचारित किया जा रहा है, जो कि ठीक नहीं है।
एक्स पर मायावती ने लिखा कि इसी प्रकार रामपुर जिले के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र सागर और इनके बाद पार्टी अध्यक्ष प्रमोद कुमार का आपसी झगड़ा चरम पर था, जिससे पार्टी के काम प्रभावित हो रहा था। जिसके बाद दोनों को एक साथ पार्टी से निकाल दिया गया, जिसका शादी-विवाह से कोई सम्बन्ध नहीं है। मतलब कौन किस पार्टी के लोगों के साथ अपना रिश्ता बना रहा है, उसका बसपा से कोई लेना-देना नहीं है। सभी लोग स्वतंत्र हैं जहां चाहें वहां रिश्ता करें। यह सब उनकी सोच पर निर्भर करता है। लेकिन ऐसे लोगों से जरूर सर्तक रहें जो इसका भी गलत प्रचार कर रहे हैं।
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