फर्जी आईपीएस साथी संग गिरफ्तार....अधिकारियों पर दबाव बनाकर करता था मनमाफिक काम!


लखनऊ। गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद थाना पुलिस ने एक फर्जी आईपीएस अधिकारी को उसके एक साथी के साथ गिरफ्तार किया है। फर्जी आईपीएस अधिकारी खुद को मणिपुर 1979 बैच का आईपीएस अधिकारी बताते हुए डीजी रैंक से रिटायर बताता था। अधिकारियों पर दबाव बनाकर अपने मन माफिक काम कराता था। इस फर्जी अधिकारी के मंसूबे इतने ऊंचे थे कि यह केंद्र सहित अन्य राज्यों और मंत्रालय में भी फोन करके बात करता था। साथ ही खुद को रिटायर बताते हुए सेवारत अधिकारियों को बड़े-बड़े होटलों मे डिनर कराता था। गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की जांच कर रही है।
देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक गाजियाबाद की साहिबाबाद थाना पुलिस ने अनिल कटियाल नाम के फर्जी आईपीएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है। इसके साथ पुलिस ने दूसरे आरोपी विनोद कपूर को कभी गिरफ्तार किया है। इन दोनों के ऊपर इंदिरापुरम थाने में विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज हैं। दोनों ही आरोपी बड़े शातिर हैं जिसमें अनिल कटियार खुद को 1979 बैच का आईपीएस अधिकारी बताते हुए पुलिस को फोन करके कहता था कि वह मणिपुर बेंच का आईपीएस अधिकारी है। जो आईबी में नियुक्त रहने के अलावा वर्तमान में गृह मंत्रालय में सलाहकार के रूप में काम कर रहा है। इसके साथ ही दूसरे आरोपी विनोद कपूर की मदद करने के उद्देश्य से आरोपी ने 14 नवंबर को डीसीपी पीआरओ कार्यालय को फोन करने के बाद पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट कार्यालय में तैनात उप निरीक्षक कृष्ण कुमार शर्मा के सरकारी मोबाइल नंबर पर दो बार फोन करके पुलिस पर दबाव बनाया था। इंदिरापुरम पुलिस को आजीवन कारावास की सजा का मुकदमा लिखवाने की धमकी भी फोन पर दी थी। इस संबंध में एडिशनल सीपी दिनेश कुमार पी ने जानकारी देते हुए कहा कि आरोपी अनिल कटियाल मूल रूप से नई दिल्ली का निवासी है। आरोपी के पिता स्वर्गीय चेतराम कटियाल एक आईआरएस अधिकारी रह चुके हैं और आरोपी अनिल कटियाल की प्राथमिक शिक्षा दीक्षा सेंट कोलंबस स्कूल, कॉलेज की पढ़ाई सेंट स्टीफंस कॉलेज में हुई। अनिल कटियाल ने 1979 में यूपीएससी की परीक्षा दी जिसमें उसे असफलता मिली। इसके बाद उसने एक बार फिर 1979 में पीएचडी की पढ़ाई करने के लिए यूएसए चला गया और 1980 में पीएचडी की पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत वापस आ गया।
भारत आने के बाद अनिल कटयाल ने 1980 से लेकर सन 2000 तक हिंदुस्तान लीवर कंपनी में प्रबंधक के पद पर काम किया और उसके बाद 2000 से 2005 तक यामाहा कंपनी में चीफ जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत रहा। उसके बाद 2005 से 2015 तक वोडाफोन कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट कॉरपोरेट अफेयर्स के पद पर काम करते हुए रिटायर हो गया। आरोपी अनिल कटियाल लोगों को 1979 बैच का आईपीएस अधिकारी बता कर लोगों से ठगी करता था। वहीं दूसरा आरोपी विनोद कपूर मूल रूप से सी43 सीरीस रोड थाना डीएलएफ फेस 3 गुरुग्राम हरियाणा का रहने वाला है। आरोपी विनोद कपूर ने गवर्नमेंट डिफेंस कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में काम किया है. सन 1976 में भारत कंट्रक्शन कंपनी बनाकर राजस्थान में काम किया है। सन 1988 में भारत कंट्रक्शन कंपनी के साथ पार्टनरशिप कर दिल्ली कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई। विनोद कपूर दिल्ली, पालम, सरसवा एयरपोर्ट, ग्वालियर एयर बेस जैसे महत्वपूर्ण जगहों के हैंगर रनवे कंपाउंड वॉल का निर्माण करा चुका है। दोनों आरोपियों की आपस में मुलाकात 15 दिन पहले गुरविंदर सिंह के माध्यम से हुई थी। गुरविंदर सिंह नाम का व्यक्ति दुबई में ट्रेडिंग का व्यवसाय करता है। अनिल कटियाल दिल्ली के कुछ पुलिस अधिकारी को 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बताकर व्हिस्की बार एंड लौंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए बार के लाइसेंस बनवा चुका है। वहीं दिल्ली के आरटीओ में आबकारी विभाग में अपने आप को रिटायर्ड आईपीएस बताकर उनसे अर्थिक लाभ प्राप्त किया है। पुलिस ने आरोपी के मोबाइल से कुछ चौट और कॉल रिकॉर्डिंग बरामद की हैं। जिसमें यह अपने फर्जी रसूख का दबाव बनाता सुनाई दे रहा है।

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