न्यायाधीश नहीं बल्कि दोस्त बनकर बच्चों के खुशियों में शामिल हो माता-पिता....तभी उन्हें मिलेगा सकारात्मक वातावरण !


आजमगढ़।
वेदांता इंटरनेशनल स्कूल में माँ शारदा ब्रह्मदेव सेवा ट्रस्ट द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर एवं औषधि वितरण तथा 21वीं सदी में अभिभावक की भूमिका कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में आईएमएस बीएचयू, खुशहाली फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक डॉक्टर संजय गुप्ता ने समझाया कि तनाव को कैसे कम किया जाए, सकारात्मक माहौल कैसे बनाया जाए, और यह क्यों आवश्यक है कि छात्रों के लिए सकारात्मक वातावरण का निर्माण किया जाए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को एक सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण प्रदान करें, ताकि वे एक बेहतर राष्ट्र का निर्माण कर सकें। उन्होंने उपस्थित माता पिता तथा अभिभावकों को शपथ ग्रहण कराई कि बच्चों के दोस्त बने न कि उनके न्यायाधीश उनके खुशी में शामिल हो। उन्होंने खुश रहने तथा हमेशा सकारात्मक ऊर्जा को अपने अन्दर रखने के लिए मंत्र भी साझा किया कि आज जो होगा अच्छा होगा। आज जो होना है बहुत अच्छा होना है।। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एडीएम राजकुमार बैठा खुशहाली फाउंडेशन तथा संरक्षक वेदांता इंटरनेशनल स्कूल ब्रह्मदेव सिंह ने दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ किया। इस दौरान डॉक्टर डीडी सिंह (बाल रोग विशेषज्ञ), डॉक्टर प्रशांत पांडे (दंत रोग विशेषज्ञ), डॉक्टर परिजात बरनवाल (चर्म रोग विशेषज्ञ), डॉक्टर शरद मिश्रा (ईएनटी विशेषज्ञ), डॉक्टर अज़ीम अहमद (जनरल फिजिशियन) और डॉक्टर राजेंद्र कंकरवाल (डीएम, गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट) उपस्थित रहे। प्रबंध निदेशक शिव गोविंद सिंह तथा विद्यालय संरक्षक अरविंद सिंह ने सभी डॉक्टरों और उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस प्रकार के आयोजनों को नियमित रूप से जारी रखने का संकल्प लिया। इस आयोजन से स्थानीय समुदाय को न केवल चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिला बल्कि स्वस्थ और सकारात्मक जीवन जीने की प्रेरणा भी मिलती है। विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉली शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी बहुत लाभदायक होते हैं। उन्होंने स्कूल प्रबंधन को ऐसे उपयोगी और प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर अनिल कुमार शुक्ला, प्रभाकर सिंह, एजाज अहमद, किशन मिश्रा सुप्रिया राय, सौम्या पांडे, सुनीता दीक्षित, रजनीश यादव, अजय श्रीवास्तव, अभय सिंह एवं सभी शिक्षकगणों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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