इधर, हाईकोर्ट में पुलिस को तलब किया जाता रहा। फिर मामले की जांच इंस्पेक्टर अरविंद सिंह सिसौदिया को सौंपी गई, वह महिला की खोज में लगे ही थे कि शनिवार को उन्हें सूचना महिला कि राखी अपने तीन बच्चों के साथ रनियां में किसी वाहन का इंतजार कर रही है। इंस्पेक्टर महिला पुलिस के साथ गए और राखी को बरामद कर लिया। राखी बोली.. मैं तो भाइयों को टीका लगाने आई थी जब पुलिस ने राखी को बताया कि उसके अपहरण में उसके दोनों भाई जेल में हैं तो वह रोने लगी। बोली- मैं तो दूज पर भाइयों को टीका लगाने आई थी। पता नहीं था कि वह बिना जुर्म के जेल में हैं। अब मैं उन्हें छुड़ाकर ही रहूंगी। इंस्पेक्टर शिवराजपुर अरविंद सिंह सिसौदिया को राखी ने बताया कि पति श्याम नारायण शराब पीकर आए दिन मारपीट कर यातनाएं देता था। वह चुपचाप अपने बच्चों के साथ बिना बताए पहले टेंपो से चौबेपुर चली गई। वहां से वृंदावन गई। कुछ दिनों बाद फर्रुखाबाद के एक कोल्ड स्टोरेज में नौकरी करने चली गई। जहां बच्चों का पालन पोषण करती रही। उसके पास फोन नहीं था। किसी तरह फोन खरीद कर नया नंबर चालू किया। भाई दूज पर शनिवार को मायके आ रही थी। इंस्पेक्टर के मुताबिक 26 नवंबर को हाईकोर्ट में तारीख है। राखी व बच्चों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। महिला को नारी निकेतन भेज दिया गया है। सोमवार को माती कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने बयान होंगे। इसके बाद दोनों भाइयों पर कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट को रद्द् कराया जाएगा। अपर पुलिस आयुक्त हरीशचंदर ने कहा कि महिला के गायब होने पर पति द्वारा उसके मायके वालों और रिश्तेदारों पर दर्ज कराया गया मुकदमा गलत पाया गया है, जबकि पति खुद उसे प्रताड़ित करता था, महिला को हाईकोर्ट में पेश कर बयान कराए जाएंगे।
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