बता दें कि बीते रविवार 13 अक्टूबर को हरदी थाना क्षेत्र के महसी इलाके के महराजगंज में मूर्ति विसर्जन के दौरान दो पक्षों में बवाल हो गया था। बवाल इस कदर बढ़ा कि एक पक्ष की तरफ से रामगोपाल मिश्रा नाम के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। रामगोपाल की हत्या के बाद से तनाव इस कदर बढ़ा कि लोग आगजनी और तोड़फोड़ पर उतारू हो गए। दुकानों, गाड़ियों और घरों को आग के हवाले कर दिया गया। जिला-पुलिस प्रशासन इस बवाल को रोकने में पूरी तरह से नाकाम रहा। फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लखनऊ से पुलिस के आला अधिकारियों की पूरी फौज बहराइच भेजी गई। एडीजे लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने खुद फील्ड पर उतरकर दंगाइयों से मोर्चा लिया। उनका एक वीडियो भी आया था, जिसमें वह हाथ में पिस्टल लिए दंगाइयों को दहाड़ते दिख रहे थे। वहीं जब माहौल थोड़ा शांत हुआ तो पुलिस आरोपियों की धरपकड़ में जुट गई।
इसी बीच गुरुवार यानि आज पुलिस को सूचना मिली कि रामगोपाल की हत्या करने वाला रिंकू उर्फ सरफराज नेपाल भागने की फिराक में है। सूचना के आधार पर पुलिस ने नाकेबंदी करनी शुरू कर दी नेपाल सीमा के पास हांडा बसेहरी नहर पर पुलिस ने सरफराज को घेर लिया। पुलिस ने देखा कि सरफराज के साथ हिंसा के चार और आरोपी हैं। पुलिस ने सभी से सरेंडर करने को कहा, लेकिन आरोपी उल्टा पुलिस पर ही फायरिंग करने लगे। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की, जिसमें सरफराज और मोहम्मद तालीम गोली लगने से घायल हो गए। पुलिस दोनों को लेकर अस्पताल गई, जहां उनका इलाज चल रहा है। वहीं डॉक्टर ने बताया कि दोनों के पैर में गोली लगी है. दोनों की हालत स्थिर है।
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