लखनऊ। प्रदेश के बहराइच में हुई हिंसा में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई। अब इससे जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें में दिख रहा है कि आगजनी और पथराव कर रही भीड़ को काबू करने के दौरान तत्कालीन सीओ रुपेश गौड़ टियर गैस गन नहीं चला पाए थे। वह सिपाहियों से घबराई हुई आवाज में चिल्लाते नजर आए। उनसे निशाना लगाने के बाद टियर गैस गन नहीं चल पाई थी। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया तो उन्हें बराबर घर के अंदर भागकर जान बचानी पड़ी थी। इलाके को आग के हवाले कर रहे दंगाईयों ने पुलिस पर पथराव किया था।
पुलिस ने हिंसा में शामिल दोनों आरोपी प्रेम कुमार मिश्रा और सबूरी मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उन्होंने कैमरे पर कबूल किया था कि वे हिंसा में शामिल थे। उन्होंने ये भी कहा था कि हिंसा के लिए पुलिस ने उन्हें छूट दी थी। हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने उनके दावों को खारिज कर दिया था। बहराइच की एसपी वृन्दा शुक्ला ने बताया कि प्रेम कुमार मिश्रा और सबूरी मिश्रा, सालिकपुरवा गांव के निवासी हैं और उन्होंने 14 अक्टूबर को महराजगंज में हुई आगजनी, लूटपाट और पथराव की घटनाओं में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
13 अक्टूबर को बहराइच के महाराजगंज में मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान डीजे पर भड़काऊ गाना बजाने को लेकर विवाद हो गया था। इस बीच दो गुटों में पथराव हुआ। यात्रा में शामिल रामगोपाल मिश्रा दूसरे समुदाय के मकान की छत पर चढ़ गया और उसने वहां लगा धर्म विशेष का झंडा नोचकर फेंक दिया और वहां भगवा झंडा लगा दिया। इस पर फायरिंग की घटना हुई और रामगोपाल की मौत हो गई। उसके बाद हिंसा भड़क गई। गुस्साई भीड़ ने दूसरे समुदाय के घरों और दुकानों को निशाना बनाकर तोड़फोड़ और आगजनी की।
हिंसा दूसरे दिन तब और ज्यादा भड़की जब हजारों की भीड़ मृतक रामगोपाल के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उमड़ पड़ी। भीड़ में मौजूद लोगों के हाथों में लाठी-डंडे थे। पुलिस के सामने भीड़ इकट्ठा होती रही। उसके बाद बेकाबू भीड़ ने कई घंटों तक पूरे इलाके में अराजकता फैलाई। महाराजगंज और आसपास के इलाकों में दूसरे समुदाय के घरों में आग लगा दी गई। अस्पताल और बाईकों के शोरुम फूंक दिए। देर शाम बामुश्किल हिंसा फैलाने वाली भीड़ पर काबू पाया जा सका।
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