उपचुनावः मिल्कीपुर सीट पर बसपा ने उतारा उम्मीदवार, इन्हें दिया टिकट!


लखनऊ।
लोकसभा चुनाव के दौरान खाली हुई यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। उपचुनाव की तारीखों का अभी भले ही घोषणा न हुई हो लेकिन सियासी दल चुनाव को लेकर तैयारियों में जुट गए हैं। बसपा ने तो उम्मीदवारों की घोषणा भी शुरू कर दी है। बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर प्रत्याशी उतार दिया है। एक सप्ताह पहले दो सीटों पर बसपा पहले ही अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर चुकी है। मिल्कीपुर सीट से बसपा ने रामगोपाल कोरी पर भरोसा जताया है। रामगोपाल कोरी ने 2017 में भी बसपा की टिकट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उस समय रामगोपाल तीसरे नंबर पर रहे थे। बतादें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में ये सीट सपा के खाते में गई थी। इस सीट से सपा के अवधेश प्रसाद विधायक थे, लेकिन अयोध्या लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से ये सीट खाली हो गई। यूपी में होने वाली 10 में से तीन विधानसभा सीटों पर बसपा अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर चुकी है। पिछले सप्ताह बसपा सुप्रीमो ने पार्टी कार्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों की समीक्षा की थी। सभी 10 सीटों के लिए उम्मीदवारों के तैयार किए गए पैनल पर चर्चा हुई थी। जोनल प्रभारियों से और योग्य व कर्मठ उम्मीदवारों के नाम मांगे। इसी दौरान फूलपुर से शिव बरन पासी और मझवा सीट से दीपू तिवारी की उम्मीदवारी पर सहमति दे दी थी। उन्होंने कहा था कि उपचुनाव के लिए भले ही तारीख की अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सरगर्मी लगातार बढ़ रही है। बीते शनिवार को हुई बसपा की बैठक में मायावती यूपी की सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर चुकी हैं। मायावती के इस ऐलान के बाद से ही सपा-कांग्रेस और भाजपा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल बनाते हुए दमदारी से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इस चुनाव को फतेह करने के लिए बसपा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति आरक्षण और नजूल भूमि वापस लेने के फैसले को मुद्दा बनाते हुए विरोधियों की पोल खोलेगी। इसके लिए पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे और मायावती के वक्तव्य की प्रतियां बांटेंगे। बताएंगे कि कैसे दूसरे दल आरक्षण को लेकर उनको भ्रमित कर रहे हैं। बसपा आमतौर पर उपचुनाव नहीं लड़ती है, लेकिन अब जब मायावती ने ये ऐलान किया है तो कई जानकारों का मानना है कि बसपा का ये फैसला कहीं सपा-कांग्रेस तो कहीं भाजपा का खेल बिगाड़ सकता है। हालांकि पिछले दो चुनावों (2024 लोकसभा और 2022 विधानसभा में) में यूपी में बसपा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। बसपा के लिए आने वाले उपचुनाव में भी जमीनी स्घ्तर पर चुनौतियां कम नहीं हैं। इसके बाद भी बसपा के पास उसके इतने परंपरागत वोटर तो हैं ही कि कई सीटों पर असर डाल सकते हैं। उधर, समाजवादी पार्टी के राष्घ्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार बसपा को भाजपा की बी टीम बता रहे हैं। उपचुनाव की सभी सीटें लड़ने के मायावती के ऐलान के बाद भी सपा नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाओं में ऐसे आरोप लगाए।

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