मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी के हौसले बुलंद हैं. जिसके बाद सपा यूपी विधानसभा उपचुनाव में मजबूती से चुनाव लड़ने का दावा कर रही है। इससे पहले एमएलसी चुनाव की एक सीट को लेकर हलचलें तेज हो गईं हैं। ये सीट सपा से एमएलसी रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हो गई थी। लेकिन, अब सपा इस चुनाव से अपने पैर पीछे खींचती हुई दिखाई दे रही है। सूत्रों के मुताबिक सपा इस चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी।
यूपी विधानपरिषद में स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई एमएलसी सीट पर जल्द ही उपचुनाव होना है। जिसके लिए दो जुलाई तक नामांकन होना है। लेकिन, सपा की ओर से इस चुनाव उपचुनाव को लेकर अभी तक कोई नाम सामने नहीं आया है। सपा इस उपुचनाव से अलग रहेगा। हालांकि इस पर आखिरी फैसला अखिलेश यादव को लेना है। उनकी तरह से कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने विधायकों के संख्याबल को देखते हुए उपचुनाव में नहीं उतरने का फैसला किया है। सपा के पास अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए संख्याबल नहीं है वहीं संख्या के हिसाब से बीजेपी की जीत तय माना जा रहा है ऐसे में सपा हारी हुई बाजी पर दांव लगाना नहीं चाहती है। वहीं दूसरी तरफ अभी तक बीजेपी की ओर से भी उम्मीदवार को लेकर पत्ते नहीं खोले गए हैं।
यूपी विधानपरिषद उपचुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 2 जुलाई हैं, जिसके लिए 12 जुलाई को सुबह 9 बजे से 4 बजे तक वोटिंग होनी है। शाम पांच बजे वोटों को मतगणना होगी, जिसके बाद नतीजों का एलान कर दिया जाएगा। ये सीट विधानसभा कोटे की हैं। ऐसे विधायकों की संख्याबल के हिसाब से जीत तय होगी। जाहिर बीजेपी के पास ज्यादा विधायक है ऐसे में उनकी जीत तय मानी जा रही है। आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने लोकसभा चुनाव से पहले सपा पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, इसके साथ ही एमएलसी पद से भी त्यागपत्र दिया था। उनका कार्यकाल 6 जुलाई 2028 तक था।
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