भतीजे आकाश आनंद पर क्यों नाराज थीं मायावती? इस वजह से गई कुर्सी!


लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को दोनों महत्वपूर्ण पदों से हटा दिया है। आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर और बीएसपी प्रमुख मायावती की उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। उन्होंने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी है। अब आकाश आनंद की कुर्सी जाने को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं। सूत्रों की मानें तो आकाश आनंद अपनी जनसभाओं में जिस तरह से मौजूदा सरकार के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ पर जुबानी हमले करने के लिए जिस तरह के शब्दों का उपयोग कर रहे थे, उससे मायावती नाराज थीं। बीते दिनों 28 अप्रैल को आकाश आनंद ने सीतापुर में एक जनसभा की थी, तब उन्होंने जो टिप्पणी की थी वह काफी चर्चा का विषय रही थी।

उन्होंने करारा हमला बोलते हुए कहा था कि बीजेपी की सरकार को बुलडोजर की सरकार कहे जाने पर पीएम मोदी विपक्षी दलों से सवाल कर रहे हैं लेकिन ये वास्तव में बुलडोजर की नहीं, आतंकवादियों की सरकार है। इस सरकार ने मुल्क की आवाम को गुलाम बनाकर रखा है। बीजेपी सरकार को आतंकवादी करार देने को लेकर भाजपा ने आकाश आनंद के खिलाफ सीतापुर में एफआईआर दर्ज कराया था। हालांकि इसके अलावा आकाश आनंद ने बीते दिनों ही एक अपने बयान में बहुजन समाज से बहकाकर वोट मांगने वालों को जूता मारकर भगाने की बात कही थी। उन्होंने अपने एक अन्य बयान में राम मंदिर दर्शन नहीं करने के पार्टी के फैसलों के संबंध में जिस तरह से बयान दिया था, उससे सवाल उठने लगे थे। इन तमाम राजनीति घटनाक्रमों के बाद उनकी चुनावी जनसभा को रद्द कर दिया गया था।

सूत्रों की मानें तो आकाश आनंद को बीते महीने ही भाषणों के दौरान अपनी भाषा पर संयम रखने के लिए आगाह कर दिया गया था। हालांकि इसके बाद भी वह नहीं मानें और उनकी बयानबाजी जारी रही। सीतापुर में आंतकवादी की सरकार और सरकार को गद्दारों जैसे उनकी टिप्पणी भी मायावती को रास नहीं आई। पार्टी नेता कहते हैं कि मायावती अपने बयानों में राजनीतिक शुचिता का पूरा ख्याल रखती हैं। आकाश आनंद के इसी तरह के भाषणों से मायावती खफा बताई जा रही थीं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए लिखा, 'पार्टी में अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही आकाश आनंद को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है। बीएसपी चीफ ने कहा कि बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवाँ को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है। बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है।

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