निरहुआ ने अखिलेश को घेरने का बनाया मास्टरप्लान...बताई वजह क्यों मिलेगी फिर जीत!


आजमगढ़।
आगामी लोकसभा चुनाव की घोषणा होने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं। आजमगढ़ लोकसभा सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लड़ने की अटकलें के बीच भारतीय जनता पार्टी के घोषित उम्मीदवार दिनेश लाल निरहुआ ने उन्हें हराने की खुली चुनौती दी है। पिछले उपचुनाव के विजेता दिनेश लाल निरहुआ का दावा है कि 19 की हार का बदला इस बार तय है। पिछले चुनाव में सपा प्रमुख ने मुझे जरूर हरा दिया था क्योंकि उसे समय उनके साथ बसपा का भी साथ था अब यह साथ उन्हें मिलने वाला नहीं दलित मतदाता भारतीय जनता पार्टी को वोट करता आया है और इस चुनाव में भी हो वोट करेगा। किसी के बसपा छोड़ देने से उनका वोट नहीं चला जाएगा।

पिछले आम चुनाव में जनता ने सपा प्रमुख को मौका दिया था लेकिन उन्होंने 4 साल तक कोई काम नहीं किया। उपचुनाव में हमने जनता से 1 साल का समय मांगा था। जनता ने मुझे मौका दिया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी के सफल नेतृत्व में आजमगढ़ में डेढ़ सालों के अंदर 50 साल का काम हुआ है यहां कई सालों से गोरखपुर और बनारस को जोड़ने की मांग हो रही थी जिस पर काम शुरू हो गया है। जिले को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया है। महाराज सुहेलदेव विश्वविद्यालय, संगीत महाविद्यालय जैसे बड़े काम को पूरा किया गया है। आजमगढ़ रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण और एयरपोर्ट पर 19 सीटर विमान की उड़ान शुरू होने वाली है। अब आजमगढ़ में रिंग रोड बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। उन्होंने दावा किया कि यहां की जनता अब जान चुकी है कि सरकार के साथ रहने में विकास कार्य तेजी से होते हैं इसलिए इस बार फिर मुझे जनता 5 साल का समय देगी ताकि विकास के कार्य रुक न सके।

एक प्रश्न के जवाब में सांसद निरहुआ ने कहा कि इस बार के चुनाव में यादव मतदाता भी भरपूर मतदान करेंगे। जिन लोगों को योजनाओं का लाभ मिला है वह लोग भी हमारे साथ है। ग्रामप्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य का साथ मिल रहा हैं। जनता ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ दिया है। क्योंकि मोदी और राम का विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगे हैं। कारोला काल में इन लोगों ने वैक्सिन का विरोध किया था। कहते थे कि मोदी वैक्सिन है, और उनलोगों ने लगवाने का दुष्प्रचार किया। अगर उनकी पार्टी में रहना है तो राम व देश की उपलब्धियों का विरोध करो, लेकिन अब यह नहीं चलने वाला है लोग अब इस पार्टी को छोड़ने में ही भलाई समझ रहे है।

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