लखनऊ। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के प्रमुख स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। लोकसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के बसपा में लौटने के कयास लगाए जा रहे है। ऐसा इसलिये कहा जा रहा है कि क्योंकि पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के प्रशासन की तारीफ की है।
हाल ही में समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का गठन किया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने एक बयान में कहा कि प्रशासक के रूप में मायावती की बराबरी न कर पाया है और न कोई कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि काशीराम ने जो नारा दिया था, उसे बसपा प्रमुख मायावती ने उसे बदल दिया है। उन्होंने भाजपा सरकार में पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में किसान, मजदूर, छात्र और नौजवान सभी परेशान हैं। इंडिया गठबंधन देश की आवश्यकता है, भाजपा को सत्ता से हटाना जरूरी है। बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को सुरक्षा मिलने पर भी उन्होंने खुशी जताई है।
सूत्रों का कहना कि स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा के साथ बेहतर रिश्ते रखकर अगला कदम उठाना चाहते हैं। वे बसपा से बाहरी रूप से जुड़ कर राजनैतिक रूप से सक्रिय रहेंगे। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश को बचाने के लिए लोकतंत्र को बचाने के लिए, संविधान को बचाने के लिए साथ ही देश में बढ़ी हुई महंगाई पर रोक लगाने, नौजवानों को रोजगार दिलाने, किसानों को इंसाफ दिलाने, व्यापारियों को शोषण से मुक्त कराने को लेकर इंडिया एलायंस देश की आवश्यकता है। इसलिए राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी इंडिया एलायंस को सपोर्ट करेगी, वो भी बिना किसी शर्त के सपोर्ट करेगी।
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