यूपी में दस साल से जमें नेताओं पर लगाया दांव...ऐंटीकंबेंसी डुबोयेगी भाजपा की नैया!

2004 की हार से भी नहीं सीख पायी टीम गुजरात!


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों पहली सूची जारी कर दी है। उत्तर प्रदेश में सहयोगियों के साथ सभी 80 लोकसभा सीट जीतने का दावा करने वाली पार्टी ने यूपी की 51 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने की हिम्मत जुटा पायी।शेष 29 सीटों में सहयोगी दल व अन्य भाजपा प्रत्याशी लड़ेंगे। जिस तरह से आज प्रत्याशियों के नाम घोषित हुये हैं उससे भाजपा ने खुद अपने मिशन 80 को पलीता लगा दिया है।

ऐसे लोग भी प्रत्याशी पुनः बने हैं जो दस-दस साल से सांसद हैं, पिछले विधानसभा चुनाव 2022 में उनके क्षेत्र में भाजपा को पराजय का धक्का देकर जनता ने आक्रोश प्रकट किया था। जहां सांसदों पर विधानसभा प्रत्याशी हराने के आरोप लगा था वहां भी पार्टी ने जनाक्रोश झेल रहे वर्तमान सांसदों को प्रत्याशी बना दिया है। चंदौली से महेंद्र पांडेय, बस्ती से हरीश द्विवेदी, सीतापुर से राजेश वर्मा, उन्नाव से सच्चिदानंद हरि साक्षी, बाराबंकी से उपेंद्र रावत, संतकबीरनगर से प्रवीण निषाद, कुशीनगर से विजय दूबे, बांसगांव से कमलेश पासवान प्रमुख हैं। 

सुरक्षित सीटों पर भाजपा को खतरा बढ़ने के साथ ऐसी सीटें जहां विधानसभा चुनाव में पार्टी को मुंहकी मिली और लोकसभा प्रत्याशी नहीं बदला वहां यदि विपक्ष सूझ बूझ के साथ मजबूत प्रत्याशी दिया तो यूपी में टारगेट 80 का पलीता निकल जायेगा। अपने लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की पांच में से चार सीटें हार कर हरीश द्विवेदी बस्ती से फिर टिकट पा गये हैं। लखनऊ में पांच में से दो सीट हराने वाले राजनाथ सिंह तीसरी बार टिकट पाये हैं। 

आजमगढ़ में दस की दस सीट हारने के बाद भाजपा ने पुराने प्रत्याशियों लालगंज सुरक्षित से नीलम सोनकर व आजमगढ़ से त्रिकोणीय लड़ाई में मामूली अंतर से जीतने वाले दिनेश लाल यादव "निरहुआ" को फिर उतारा है। दिग्गज नेता सुल्तानपुर मेनका गांधी, पीलीभीत वरुण गांधी, प्रयागराज रीता बहुगुणा जोशी, कैसरगंज बृजभूषण शरण सिंह को लटका दिया। 

जबकि 70 प्लस जगदम्बिका पाल डुमरियागंज, हेमा मालिनी मथुरा का टिकट नहीं कटा है। साक्षी महाराज, टेनी और साध्वी निरंजन ज्योति के टिकट भी बरकरार हैं। 2004 में भी भाजपा ने यही गलती की थी, तब अटल जी की सरकार में साइनिंग इंडिया का नारा लगा कर चुनाव मैदान में उतरे थे भाजपाई। बाद की रिपोर्टों से पता चला कि प्रत्यशियों की नाराजगी से पार्टी को मिली भारी पराजय, यदि प्रत्याशी बदल जाते तो 2004 एनडीए फिर सत्ता में बनी रह जाती।

यूपी के 51 उम्मीदवार -

1- वाराणसी - नरेंद्र मोदी

2- कैराना - प्रदीप कुमार

3- मुज़फ्फरनगर - संजीव बालियान

4- नगीना - ओम कुमार

5- रामपुर - घनशयाम लोधी

6- सम्भल - परमेश्वर सैनी

7- अमरोहा - कंवर सिंह तंवर

8- नोएडा - डॉ महेश शर्मा

9- बुलन्दशहर - भोला सिंह

10- मथुरा - हेमा मालिनी

11- आगरा- एसपी सिंह बघेल

12- फतेहपुर - राजकुमार चहर

13- एटा - राजवीर सिंह

14- आंवला - धर्मेंद्र कश्यप

15- शाहजहांपुर - अरुण सागर

16- लखीमपुर - अजय मिश्रा टेनी

17- धौरहरा - रेखा वर्मा

18- सीतापुर - राजेश वर्मा

19- हरदोई - जय प्रकाश रावत

20- मिश्रिख - अशोक रावत

21- उन्नाव - साक्षी महाराज

22- मोहनलालगंज - कौशल किशोर

23- लखनऊ - राजनाथ सिंह

24- अमेठी - स्मृति ईरानी

25- प्रतापगढ़ - संगम लाल गुप्ता

26- फरूखाबाद - मुकेश राजपूत

27- इटावा - राम शंकर कठेरिया

28- कन्नौज - सुब्रत पाठक

29- अकबर नगर - देवेंद्र भोले

30- जालौन - भानु प्रताप सिंह वर्मा

31- झांसी - अनुराग शर्मा

32- हमीरपुर - पुष्पेंद्र सिंह चंदेल

33- बांदा - आरके सिंह पटेल

34- फतेहपुर - निरंजन ज्योति

35- बाराबंकी - उपेंद्र रावत

36- अयोध्या - लल्लू सिंह

37- अम्बेडकरनगर - रितेश पांडेय

38- श्रावस्ती - साकेत मिश्रा

39- गोंडा - कीर्तिवर्धन सिंह

40- डुमरियागंज - जगदम्बिका पाल

41- बस्ती - हरीश द्विवेदी

42- संतकबीरनगर - प्रवीण निषाद

43- महराजगंज - पंकज चौधरी

44- गोरखपुर - रवि किशन

45- कुशीनगर - विजय दुबे

46- बांसगांव - कमलेश पासवान

47- लालगंज - नीलम सोनकर

48- आज़मगढ़ - दिनेश लाल यादव निरहुआ

49- सलेमपुर - रविन्द्र कुशवाहा

50- जौनपुर - कृपा शंकर सिंह

51- चंदौली - महेंद्र पांडेय

जिन 29 सीटों पर बीजेपी ने आज प्रत्याशी नहीं घोषित किए उनमें से 19 सीटों पर वो जीती थी और 8 पर हारी थी। दो सहयोगी अपना दल की है

उनमें 19 पर उसके वर्तमान एमपी हैं।

मेरठ: राजेंद्र अग्रवाल

गाजियाबाद: वीके सिंह

अलीगढ़: एसके गौतम

बागपत: एसपी सिंह

हाथरस: राजवीर दिलेर

बदायूं: संघ मित्र मौर्य

बरेली:  संतोष गंगवार

पीलीभीत: वरुण गांधी

सुल्तानपुर: मेनका गांधी

कानपुर: सत्यदेव पचौरी

कौशांबी:  विनोद सोनकर

फूलपुर: केसरी देवी

इलाहाबाद: रीता बहुगुणा जोशी

बहराइच: अक्षय बर लाल

कैसरगंज: बृजभूषण

बलिया: वीरेंद्र सिंह मस्त

मछली शहर: बीपी सरोज

भदोही: रमेश चंद बिंद।

बाकी जिन 7 सीटों पर बीजेपी 2019 में हारी थी और इनपर प्रत्याशी नहीं दिए अब तक वे हैं

सहारनपुर

बिजनौर

मुरादाबाद

अमरोहा

फिरोजाबाद

मैनपुरी

घोसी

दो सीटें राबर्ट्सगंज और मिर्जापुर सहयोगी के पास हैं।

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