...तो क्या आजमगढ़ की सीट बचाने में कामयाब हो पाएंगे अखिलेश...बीजेपी ने चल दिया है दांव!


आजमगढ़।
आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का मजबूत गढ़ माना जाता है। मजबूत किला को भेदने के लिए बीजेपी ने अब ’यादव’ फैक्टर का सहारा लिया है। आजमगढ़ में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को उतारा गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद चुने गए। बीजेपी की प्रचंड लहर में भी आजमगढ़ से सपा ने झंडा बुलंद किया। 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी 10 सीटों पर सपा प्रत्याशियों को जीत मिली। विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। उपचुनाव में बीजेपी ने यादव फैक्टर का सहारा लिया। भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल निरहुआ पर बीजेपी ने फिर दांव लगाया। बीजेपी को यादव फैक्टर का फायदा मिला।
दिनेश लाल निरहुआ ने सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ लोकसभा सीट पर पटखनी दी। सपा की मजबूत सीट बीजेपी के खाते में चली गई। आजमगढ़ की लोकसभा सीट जीतने के बाद बीजेपी काफी उत्साहित है। यादव वोटरों को पाले में करने के लिए बीजेपी मजबूत रणनीति बना रही है। इसी रणनीति के तहत आजमगढ़ में आज मुख्यमंत्री मोहन यादव का आगमन हुआ। उन्होंने कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव जीतने का मंत्र दिया। बीजेपी अखिलेश यादव के गढ़ में दोबारा कमल खिलाने की योजना बना रही है। आजमगढ़ की आसपास सीटों पर भी बीजेपी की नजर है. यादव मतदाताओं को बीजेपी के पक्ष में करने का दायित्व मुख्यमंत्री मोहन यादव को सौंपा गया है।
मोहन यादव कार्यकर्ताओं की बैठक कर मतदाताओं को बीजेपी के पक्ष में लामबंद करने की कोशिश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले आजमगढ़, लालगंज, घोसी, बलिया और सलेमपुर में कार्यकर्ताओं की बैठक कर बीजेपी मोहन यादव के जरिए यादव वोटरों को पाले में करना चाहती है। मोहन यादव के साथ कई वरिष्ठ नेता आजमगढ़ पहुंचे। बीजेपी कार्यकर्ताओं को मोहन यादव ने मतदाताओं को बीजेपी की तरफ आकर्षित करने के गुर बताए। उन्होंने कहा कि मेरा आजमगढ़ का दौरा पहली बार है। शीर्ष नेतृत्व के विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास होगा. पूरा विश्वास है कि 2024 में भी बीजेपी की सरकार बनेगी।

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